Lucknow: स्कूल में बनेगा कंट्रोल रूम, तैनात होंगे  ट्रैफिक कर्मचारी

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 स्कूल प्रबंधकों, पुलिस और यातायात विभाग के अधिकारियों की बैठक में हुआ निर्णय

लखनऊ। संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था (जेसीपी) अमित वर्मा ने यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित व सुचारू बनाने के संबंध में स्कूलों के प्रधानाचार्यों, प्रबंधकों,डीसीपी ट्रैफिक सलमान ताज समेत संबंधित अन्य अफसरों के साथ बैठक की। इस दौरान विद्यालय द्वारा यातायात व्यवस्थापन में नियुक्त किए गए कर्मियों को निर्धारित वर्दी पहना कर ट्रैफिक का सुचारू संचालन समेत अन्य बिंदुओं पर संवाद कर संबंधित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

सीसीटीवी से निगरानी, 60 दिनों तक सुरक्षित रखे रिकॉर्डिंग

जेसीपी अमित वर्मा के मुताबिक बेसिक, जूनियर और सीनियर कक्षाओं की खुलने और बंद करने के मध्य समय अंतर होना चाहिए। छात्र-छात्राओं के अभिभावकों द्वारा अपने स्वयं के वाहनों से विद्यालय लाने और ले जाना व विद्यालय के आस-पास विद्यालय के खुलने और बंद होने के समय  उचित पार्किंग व्यवस्था होनी चाहिए। कक्षा-5 तक के बच्चों को स्कूल परिसर के अंदर स्कूल वैन/वाहन से उतारने व ले जाने की व्यवस्था का प्रबंध स्कूल प्रबंधक के द्वारा किया जाना होगा।

इसके अलावा विद्यालय के खुलने व बंद होने के समय संपूर्ण विद्यालय अवधि में विद्यालय के बाहर ट्रैफिक प्रबंधन के लिए नोडल ट्रैफिक अधिकारी की नियुक्ति, विद्यालय में एक ट्रैफिक कंट्रोल रूम जिसमें लगातार सीसीटीवी के माध्यम से विद्यालय के बाहर के सड़कों व पार्किग स्थल का पर्यवेक्षण किया जा सके और डीवीआर में 60 दिन की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखने की क्षमता होना आवश्यक है।

इतना ही नहीं विद्यालय में एक केंद्रीयकृत एनाउन्समेंट सिस्टम होना आवश्यक है जिससे आवश्यकता अनुसार सम्पूर्ण परिसर में घोषणा की जा सके। विद्यालय अपने ट्रैफिक कंट्रोल कार्यालय व यातायात पुलिस से समन्वय स्थापित करते हुए गेट व सड़क पर ट्रैफिक रुकने न दिए जाने संबंधी व्यवस्था स्कूल प्रबंधन को करने के निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि लखनऊ में स्कूल हाल के वर्षों में ट्रैफिक जाम का एक प्रमुख कारण रहे हैं और समस्या लगातार जटिल होती जा रही है, जिससे सड़कों पर आपातकालीन आवाजाही प्रभावित हो रही है।

कक्षा-5 तक के बच्चों को परिसर में उतारें

जेसीपी ने स्कूल प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को सुझाव दिया कि कक्षा-5 तक के बच्चों को वैन से सीधे परिसर में उतारें। वहीं से बच्चों को वैन में बैठकर वापस जाने का इंतजाम करें। इससे जाम से मुक्ति तो मिलेगी ही साथ में हादसों पर भी अंकुश लगेगा। इसके अलावा स्कूल खुलने और बंद होने के समय यातायात, पार्किंग, पूल्ड वाहनों की पार्किंग के इंतजाम किए जाए।

ट्रैफिक कंट्रोल रूम बनाने का निर्देश

जेसीपी ने बताया कि स्कूल खुलने व बंद होने के समय बाहर यातायात प्रबंधन के लिए नोडल ट्रैफिक अधिकारी नियुक्त किया जाए। वहीं, स्कूल के अंदर यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया जाए।
जिसमें सीसीटीवी के जरिये बाहर सड़कों पर वाहनों के आवागम और पार्किंग स्थल पर लगातार निगरानी की जा सके। साथ ही सीसीटीवी की डीवीआर में 60 दिन की रिकार्डिंग सुरक्षित रखने की क्षमता होनी चाहिए। कंट्रोल रूम से केंद्रीयकृत अनाउंसमेंट सिस्टम से लगातार उद्घोषणा होती रहनी चाहिए।

17 माह पहले डीएम ने बनाई थी योजना

स्कूलों के बाहर जाम की समस्या को लेकर करीब 17 माह पहले 3 अप्रैल 2023 को डीएम सूर्यपाल गंगवार की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। जिसमें राजधानी के 10 प्रमुख स्कूल के प्रबंधन से जुड़े जिम्मेदार पहुंचे थे। इसमें स्कूलों के खुलने और बंद होने के समय ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए सभी स्कूलों में नोडल ट्रैफिक अधिकारियों के साथ एक ट्रैफिक कंट्रोल रूम बनाने का निर्देश दिया था।
नोडल प्रभारी ट्रैफिक व्यवस्था, जाम की निगरानी, ट्रैफिक जाम करने वाले वाहनों के मालिकों को एक केंद्रीय घोषणा प्रणाली के माध्यम से मार्गदर्शन करने की योजना बनाई थी। सभी स्कूलों को स्कूल शुरू होने से कम से कम एक घंटे पहले छात्रों को प्रवेश की अनुमति देनी होगी। जिन स्कूलों के परिसर में पार्किंग की जगह नहीं है, उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे स्कूल के पास एक जगह की पहचान करें और इसे पार्किंग स्थल के रूप में उपयोग करें।