कस्बा अमेठी में पाटे जा रहे हैं तालाब

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  • कस्बा अमेठी मे पाटे जा रहे हैं तालाब 

लखनऊ। वर्तना सवाल यह है कि जब रक्षक ही बन जाए तो देश की पब्लिक का क्या होगा?यही सवाल राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता राम सिंह की ओर से उछाला गया है ।उनके अनुसार कारनामा लखनऊ जनपद की नगर पंचायत अमेठी मे देखने की मिला है। उनके अनुसार पूर्व में श्रेणी तीन जो तालाब की श्रेणी में आता है उनका आवंटन मछुआ समुदाय के लोगो के भरण पोषण हेतु किया गया था, किंतु वर्ष 1986 में राजस्व परिषद की ओर से जारी अध्यादेश मे श्रेणी 3 के समस्त मामले निरस्त करने का आदेश पारित हुआ था ।उसी के अनुपालन में काफी संख्या में पट्टे निरस्त किए गए थे। कोई जिम्मेदार इस मामले पर कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।भाकियू नेता के अनुसार इस मामले की खास बात यह भी है कि अमेठी नगर पंचायत में कुछ रियल एस्टेट कंपनी द्वारा श्रेणी 3 की भूमियों का बैनामा करा लिया गया है जबकि मौके पर तालाब बने हुए हैं।इस समय उनको पाटने का काम तेजी के किया जा रहा है ।प्रशासन ने इस पर मौन धारण कर रखा है ।कोई भी कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है।उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की ओर से मांग की जा रही है कि अमेठी में श्रेणी 3 के जितने भी तालाब आवंटन किए गए थे उनको जांच के बाद खारिज करके तालाब की भूमि में अंकित करने का आदेश दिया जाए ।संगठन के नेता के अनुसार नगर पंचायत द्वारा जो कूड़ा तालाब मे डाला जा रहा है उससे तालाबों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है ।इसी बात को लेकर नगर पंचायत के विरुद्ध धारा 67 का मुकदमा दर्ज कराया जाए और नगर पंचायत से जुर्माना भी वसूला जाए। यदि ऐसा नहीं किए जाने पर चुनाव के बाद एसडीएम मोहन लालगंज कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना लगाया जाएगा । भाकियू नेता ने कहा कि लेखपाल से जानकारी लेने पर पता चला कि वह अपनी धूमधारी जमीन पर कूड़ा फेंक रहे।