लखनऊ। क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बताकर वृद्ध महिलाओं और बुजुर्गों से जेवर उड़ाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए आलमबाग पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने चार बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
चारों बदमाश कालोनी और सुनसान गलियों में अकेले जा रहीं वृद्ध महिलाओं और बुजुर्गों को टारगेट कर उन्हें रोकते। उन्हें लूट और हत्या का भय दिखाकर उनके जेवर झटक कर रफूचक्कर हो जाते थे। इतना ही नहीं यह लोग ज्वेलर्स की दुकानों में जेवर देखने के नाम पर भी टप्पेबाजी की घटनाओं को अंजाम देते थे।
महिलाओं और बुजुर्गों को बनाते थे शिकार, लाखों के जेवर बरामद
डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह के मुताबिक मुखबिर की सूचना पर सीएनडब्लू मार्ग लोको वर्कशाप के पास से चार टप्पेबाजों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार बदमाशों में सीतापुर महमूदाबाद के संगत किला का रहने वाला तालिब अब्बास उसका साथी नजर अब्बास और मध्यप्रदेश उमरिया जिले के मोहम्मद ज्वालामुखी रेलवे स्टाफ क्वाटर का रहने वाला इब्राहिम जाफरी, सहडौल जिले के बुडहार टिकरी टोला का अबुजर खान शामिल है।
चारों के पास से लाखों रुपये कीमत के जेवर, 28500 रुपये, एक कार, दो बाइक, चार तमंचे, आधार कार्ड, डीएल व अन्य चीजें बरामद की गई हैं।
गिरफ्तार आरोपी तालिब और नजर गिरोह के लीडर है। दोनों इंस्पेक्टर बनते थे। जब लोग इन्हें बिना वर्दी के होने और आईकार्ड दिखाने को कहते तो यह बताते थे कि क्राइम ब्रांच के पुलिस वाले यह नहीं रखते हैं। एडीसीपी अपराध अखिलेश सिंह के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों ने सोने-चांदी की दुकानों पर भी वारदातें की हैं। यह लोग दुकानों पर जाकर चेन और अंगूठियां दिखाने को कहते। दुकान के कर्मचारी द्वारा दिखाने के दौरान एक-दो जोड़ी चुराकर चले जाते थे।
इसके अलावा बैंकों के आस पास भी टप्पेबाजी में यह गिरोह सक्रिय था। यह लोग कई दुकानों की फुटेज में भी कैद हुए हैं। गिरफ्तार आरोपी लखनऊ के विभिन्न इलाकों के साथ ही राजस्थान, बिहार समेत कई अन्य राज्यों में 50 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। गिरोह में महिलाओं समेत करीब छह से सात अन्य लोग भी हैं उनकी तलाश की जा रही है।
लूट और हत्या का भय दिखाकर बनाते थे शिकार
एडीसीपी पूर्वी सैय्यद अली अब्बास ने बताया कि गिरोह के लोग कालोनियों के अंदर और पार्कों के आस पास मार्निंग वॉक पर और अकेले सामान लेने निकली वृद्ध महिलाओं और बुजुर्गों को टारगेट करते थे।
बाइक से पहुंचते थे। खुद को क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बताते और उन्हें डराते थे कि अभी कुछ देर पहले यहां पर एक महिला से जेवर लूट के बाद उसकी हत्या कर दी गई है और आप जेवर पहनकर चल रही हैं। महिला और बुजुर्ग डर जाते थे। उनसे जेवर उतरवाकर पुडिय़ा बनाकर देते थे और घर जाकर खोलने को कहते थे। घर जाकर जब वह खोलते तो उसमें टूटी हुई चूडिय़ां और पत्थर होते थे।
सीसीटीवी वाले स्थानों पर नहीं देते थे घटनाओं को अंजाम
इंस्पेक्टर सतीश चंद्र साहू ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी बहुत शातिर थे। यह लोग घूम-घूमकर घटनाओं को अंजाम देते थे। यह ज्यादा दिन एक शहर और प्रदेश में नहीं रुकते थे। दस से 15 घटनाओं को अंजाम देकर भाग जाते थे। वहीं टप्पेबाजों ने पूछताछ में बताया कि वह लोग उन जगहों को चुनते थे, जहां पर सीसीटीवी नहीं लगा हो। जिससे घटना को अंजाम देने के बाद पहचान न हो सके और पुलिस की नजर में न आएं।