हरदोई। बीएसए डा.विनीता ने तमंचा ले कर स्कूल में रंगबाज़ी करने वाले प्रधानाध्यापक को निलंबित करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही उसकी इस कारस्तानी का सारा चिट्ठा शासन को भेज दिया गया है। बताया गया है कि अगर आरोप सही पाए गए तो गुरूजी को बर्खास्त भी किया जा सकता है।
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बताते चलें कि टोंडरपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय करसुआ ग्रंट के प्रधानाध्यापक के ऊपर तमाम तरह के संगीन आरोप लगाए गए थे।सहायक अध्यापक विष्णु प्रताप ने बताया कि 21 जनवरी को प्रधानाध्यापक अपनी स्कार्पियो गाड़ी से स्कूल पहुंचे। उन्होंने हाथ में तमंचा ले रखा था।
उन्होंने विष्णु प्रताप और दूसरे सहायक अध्यापक नितिन कुमार को बंद कमरें में बुलाया और 10 हज़ार रुपये महीना देने और न देने पर गोली मारने की धमकी दी। स्कूल के बच्चों का कहना है कि वे अपनी कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे,उसी बीच गुरूजी वहां तमंचा ले कर पहुंचे और उन्हें तमंचे के बारे में बताने लगे।
गांव वालों का कहना है कि उस बीच अगर धोखे से गोली चल गई होती,तो उसका कौन ज़िम्मेदार होता ? उनका यह भी कहना है कि गुरूजी दलितों का नाम ले कर आए दिन उन्हें गाली देते रहते हैं।
प्रधानाध्यापक की इस करतूत से गुस्साए गांव वालों ने स्कूल में तालाबंदी कर दी। उनका कहना है कि जब तक ऐसे शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी,तब तक वे अपने बच्चों को पढ़ने नहीं भेजेंगे। इसी लिए उन्होंने ताला डाल दिया है।
इस बारे में बीएसए डा.विनीता ने बताया है कि प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए टीम बनाई गई है।
इसके अलावा शासन को भी रिपोर्ट भेजी गई है। बीएसए का कहना है कि आरोप सही पाए गए तो शिक्षक को बर्खास्त भी किया जा सकता है। ताकि फिर कोई इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न जुटा सके।