राहुल कुमार सिंह
सुलतानपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर कमैचा के अंतर्गत कस्बा चांदा में बीते नौ जनवरी को मासूम की झोलाछाप चिकित्सक के ओवरडोज दवा के चलते हुई मौत के बाद महकमा सतर्क हो गया है। करीब 20 दिन बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर कमैचा के अधीक्षक ने कस्बा स्थित दर्जन भर नर्सिंग होम संचालकों और डॉक्टरों को नोटिस थमाया है। तीन दिन के भीतर डिग्री, रजिस्ट्रेशन और नर्सिंग होम में काम करने वाले स्टाफ की योग्यता का विवरण मांगा है।
नोटिस मिलते ही झोलाछाप डॉक्टरों में मची अफरा तफरी
दर्जनों नर्सिंग होम संचालकों को कार्यवाही की पहले से भनक लग गई थी, जिससे वह मौके से फरार हो गए। नोटिस मिलते ही झोलाछाप डॉक्टरों में अफरा तफरी मच गई है। क्षेत्र के बरनी गांव की सोनी निषाद बुखार से पीड़ित चार माह के मासूम को अमरावती बाल चिकित्सालय पट्टी रोड चांदा में दिखवाया था। आरोप है कि ओवर डोज दवा के कारण मासूम की मौत हो गई। बीते 12 जनवरी को अस्पताल को सीज कर दिया गया था। अस्पताल के कर्मचारी विजय कुमार को जेल भेजा गया। आरोपी झोलाछाप डॉ विनोद निषाद अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इस घटना के करीब 20 दिन बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेश पर अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर कमैचा डॉ आरएस यादव ने कस्बा स्थित सहारा बाल चिकित्सालय, शिखा नर्सिंग होम, सोनी हॉस्पिटल के डा ओम प्रकाश यादव, आकाश दीप बाल चिकित्सालय के अलावा कादीपुर रोड़ डा प्रजापति सहित लगभग एक दर्जन डॉक्टरों को नोटिस जारी किया है। कई चिकित्सकों को पहले से ही कार्यवाही की सूचना मिल गई थी, जिससे वे नोटिस पहुंचने के पहले ही अपनी क्लीनिक में ताला बंद कर दिया था। सीएचसी अधीक्षक डॉ. आरएस यादव ने बताया कि नर्सिंग होम संचालकों को नोटिस दी गई है। कुछ संचालक मौक़े से फरार हो गए थे। जिन्हें बाद में नोटिस तामील कराई जाएगी। अवैध नर्सिंग होम व क्लीनिक बंद कराया जाएगा।