UP : झांसी में 10 बच्चों की मौत के बाद जागा प्रशासन, सूबे की राजधानी में बड़ी लापरवाही

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लखनऊ में बड़ा ऐक्शन, 80 अस्पतालों को भेजा नोटिस, देर रात तक अस्पतालों का निरीक्षण

लखनऊ। जनपद झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की दुखद मौत के बाद सूबे की राजधानी लखनऊ के संबंधित प्रशासनिक विभाग भी हरकत में आया है।

आनन-फानन अग्निशमन विभाग ने लखनऊ के अस्पतालों में सुरक्षा मानकों के संबंध में एक आंकड़ा जारी किया है जिसमें प्रशासन की घोर लापरवाही दिख रही है। वहीं राजधानी लखनऊ में अस्पतालों पर फायर विभाग ने बड़ा ऐक्शन लिया है। राजधानी के 80 अस्पतालों को फायर विभाग ने नोटिस जारी किया है। बताया गया कि इन अस्पतालों में गाइडलाइन्स के मुताबिक इंतजाम नहीं थे। वहीं अग्निशमन विभाग देर रात तक लखनऊ के अस्पतालों का निरीक्षण कर सुरक्षा के मानकों को जांच करने में जुटे रहे।

605 अस्पताल चल रहे अग्नि सुरक्षा के मानक विहीन

मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार के मुताबिक मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार जनपद में कुल 906 हॉस्पिटल भवन संचालित है। इनमें लगभग 301 हास्पिटल भवन मानक के अनुसार अग्निशमन व्यवस्था अधिष्ठापित / पूर्ण किया गया है। साथ ही उन्हें अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है।

उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम-2022 व नियमावली-2024 के तहत अब तक लगभग 80 हास्पिटल भवनों में अग्निसुरक्षा व्यवस्था मानक के अनुसार पूर्ण न होने के कारण उन्हें नोटिस पत्र निर्गत किया गया है। शेष हास्पिटल भवनों का अग्निशमन तथा आपात सेवा लखनऊ द्वारा लगातार निरीक्षण कर उन्हें आवश्यक सुझाव और निर्देश दिये जा रहे हैं।

राजनीतिक पार्टियां सरकार को घेरने में जुटी

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की दुखद मौत हो गई और 16 अन्य अपनी जान के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राजनैतिक विपक्षी पार्टी एक्सपायर हो चुके अग्निशामक यंत्रों और खराब अलार्म की लापरवाही का आरोप लगाते हुए सरकार पर हमलावर है।

हालांकि मेडिकल कालेज प्रशासन ने आग लगने का कारण बिजली का शॉर्ट सर्किट बताया है। वहीं संबंधित विभाग के अधिकारियों ने एक्सपायर हो चुके अग्निशामक यंत्रों और खराब अलार्म के आरोपों से इनकार किया है। शुक्रवार रात को लगी आग के पीछे बिजली के शॉर्ट सर्किट की वजह माना जा रहा है। बता दें कि झांसी के जिला अस्पताल में शॉर्ट सर्किट से आग लगने के बाद 10 बच्चों की मौत हो गई। हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ तक ने शोक व्यक्ति किया। साथ ही पीडि़त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के अलावा आर्थिक मदद का भी ऐलान किया है।

सीएम आवास से चंद दूरी पर अस्पताल में नहीं सुरक्षा की व्यवस्था

मुख्यमंत्री आवास से चंद कदम की दूरी पर बने सिविल अस्पताल के बाल रोग विभाग में आग से बचाव के संसाधन नहीं है। यहां बने पीकू वार्ड में तो आने जाने का भी एक ही रास्ता है। पूरे वार्ड में फायर एक्सटिंग्यूशर और स्प्रिंक्लर लगा ही नहीं है।

सीढिय़ों पर सिर्फ होजरील लगाई गई हैं। इन्हीं होजरील के भरोसे ही अस्पताल प्रशासन आग पर काबू पाने का दम भरता है। वहीं सिविल के बर्न वार्ड में जाने के लिए एक ही रास्ता स्लोब के जरिए बना हुआ है। इस बर्न वार्ड में जाना जोखिम भरा ही है। अंधेरे भरे रास्ते में तीमारदार भी बैठे रहते हैं। आग लगने पर यहां से मरीजों और तीमारदारों को निकालना बहुत ही मुश्किल है।

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संस्थानों में अग्निशमन अधिकारी की तैनाती समेत कई महत्वपूर्ण नियम

उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम-2022 व नियमावली-2024 के तहत अस्पताल समेत अन्य बड़े संस्थानों में अग्निशमन अधिकारी की तैनाती का नियम बनाया गया है।

नियमावली के मुताबिक प्रतिष्ठानों आदि में अग्निशमन उपकरणों की आपूर्ति करने वाली एजेंसियों को पहले महानिदेशक अग्निशमन एवं आपात सेवाएं से अनुमति प्राप्त करनी होगी। वहीं हर छह माह में प्रतिष्ठान की ओर से उपकरणों के सही हालत में होने का प्रमाण पत्र देना होगा। वहीं, लापरवाही की वजह से आग लगने पर विभाग को इमारत सीज करने का अधिकार भी दिया गया है।

 

जांच:

1- नगरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सी ब्लॉक इंदिरा नगर लखनऊ व नागरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलीगंज लखनऊ का निरीक्षण किया गया ग्राउंड प्लस दो तल तक निर्मित है जिसमें केवल फायर एक्सटिंग्विशर उपलब्ध है।

2-नगरी स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र चंदननगर आलमबाग की NICU, OT, Labour Room, Ward का निरीक्षण किया गया जिसमें कोई अग्निशमन व्यवस्था उपलब्ध नहीं पाई गई।

3-फायर स्टेशन पीजीआई अंतर्गत SGPGI अस्पताल के NICU व PDRTK ICU का निरीक्षण किया गया व वहां कार्यरत स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया।

4-अवंती बाई महिला चिकित्सालय गोलागंज ps वजीरगंज।भवन…. ग्राउंड+फर्स्ट फ्लोर पर निर्मित है। आईसीयू प्रथम तल पर निर्मित है जिसमें केवल फायर एक्सटिंगयूशर लगे हैं बाकी अन्य कोई भी अग्निशमन व्यवस्थाएं नहीं हैं।