Lucknow हादसा: अलाया अपार्टमेंट के बाद अब हरमिलाप बिल्डिंग जमींदोज, 8 की मौत, कई लोगों की हालत गंभीर

Share

मौत का मंजर देख सहमे लोग, अपनों को तलाशती रही निगाहें

हादसे के समय करीब 30 लोग कर रहे थे काम

मो. अनवर कुरैशी 
लखनऊ । सरोजनीनगर इलाके के ट्रांसपोर्टनगर में शनिवार शाम करीब पांच बजे तीन मंजिला बिल्डिंग भरभरा कर ढहने से 8 लोगों की मौत हो गई। हरमिलाप बिल्डिंग में तीन गोदाम में है। हादसे के वक्त करीब 30 लोग काम कर रहे थे। लोग मदद के लिए चीखने लगे। सूचना पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची।

राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। मौके पर एनडीआरएफ टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रेस्क्यू के लिए कुल 16 ऐम्बुलेंस लगी है, जिसमें 2 वेंटिलेटर वाली ऐंम्बुलेंस शामिल हैं। बारिश के कारण बिल्डिंग गिरने की आशंका जताई जा रही है। जेसीबी मशीनों से मलबा हटाया जा रहा है। दमकल कर्मियों ने मलबे में फंसे 28 लोगों को निकाल कर लोकबंधु अस्पताल भेजा। जहां पांच को डॉक्टरों ने पांच को मृत घोषित कर दिया। वहीं, 22 का इलाज चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख प्रकट किया। साथ ही अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंच कर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, सीएम ने हादसे पर जताया दुख

आशियाना निवासी राकेश सिंघल की ट्रांसपोर्टनगर में हरमिलाप नाम से तीन मंजिला इमारत है। ग्राउंड फ्लोर पर गोमतीनगर एल्डिको निवासी जसप्रीत सिंह साहनी का मोबिल का गोदाम है। पहली मंजिल पर विनीत मेहता का दवा और तीसरी मंजिल पर मनचंदा का गिफ्ट आइटम का काम होता है। शनिवार शाम करीब चार बजे दिल्ली से दवाएं लेकर एक ट्रक आया था।

मजदूर ट्रक से दवाएं उतार रहे थे। तभी तेज आवाज हुई और देखते ही देखते बिल्डिंग जमींदोज हो गई। मलबे में करीब 28 लोग दबे थे। लोकबंधु अस्पताल में डॉक्टरा ने मोबिल ऑयल व्यापारी जसप्रीत साहनी (42 वर्ष), बंथरा जुनाबगंज निवासी धीरज गुप्ता (48 वर्ष), आलमबाग निवासी अरुन सोनकर (28 वर्ष), रजनीखंड निवासी पंकज तिवारी (40 वर्ष) , राजकिशोर प्रजापति (27 वर्ष) जगरूप , रूद्र यादव व राकेश की मौत होने की पुष्टि की है।


उन्नाव के रहने वाले मजदूर विजय साहनी ने बताया कि हम लोग काम कर रहे थे। बताया गया कि ग्राउंड फ्लोर का एक पिलर क्रैक हो रहा है। आधे घंटे बाद मालिक से कहा तो उन्होंने गोदाम को बंद करने के लिए कहा। हम बाहर आ गए। बारिश हो रही थी, लोगों ने कहा एक पिलर क्रैक होने से पूरी बिल्डिंग नहीं गिरेगी। इसके बाद हम लोग काम करने चले गए। फिर अचानक बिल्डिंग गिर गई।

भरभरा कर गिर गई बिल्डिंग

दिल्ली के ट्रक ड्राइवर राजेश पाल ने बताया, करीब 4.55 बजे बिल्डिंग में पहुंचा था। मैंने अपने ट्रक से फार्मास्यूटिकल का सामान उतारने के लिए बिल्डिंग में लगाया। सामान को दूसरी फ्लोर पर ले जाया जा रहा था। करीब 15 से 20 लोग ट्रक से सामान उतार रहे थे। अचानक से पूरी बिल्डिंग भरभरा कर गिर गई। कोई कुछ समझ नहीं पाया। समान उतार रहे कुछ लोगों ने भाग कर जान बचाई। कुछ लोगों को स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से निकल गया। जब बिल्डिंग गिरी तब मैंने भी भाग कर जान बचाई।

मौत का मंजर देख सहमे लोग, अपनों को तलाशती रही निगाहें

दर्दनाक हादसे में देर शाम करीब 8 बजे तक बिल्डिंग के अंदर दबे 30 लोगों को बाहर निकाला जा चुका था। निकाले गए लोगों की देर शाम तक ठीक से पहचान नहीं हो सकी थी। पुलिस उनकी पहचान कराने में जुटी है। मलबे से निकाले गए लोगों में से 6 की मौत हो चुकी है। सुमित ने बताया कि मेरे पापा यहां काम करते हैं। वह घायल हैं और अस्पताल में इलाज चल रहा है।

वहीं हादसे की जानकारी मिलते ही शिवम अपने पिता को तलाशने पहुंचा। शिवम ने कहा- मेरे पापा यहां मजदूरी का काम करते हैं। पहले यहां लोडिंग-अनलोडिंग करते थे। उनके पास मोबाइल नहीं है।

यही क्लियर करने आया हूं कि पापा यहां हैं या नहीं। वहीं मलबे में दबे होने की आशंका को लेकर देर रात तक एनडीआरएफ और एसडीआरएफ द्वारा बचाव कार्य जारी था। वही बिल्डिंग के बाहर भयंकर जल भराव होने के कारण राहत और बचाव कार्य में भी दिक्कत आ रही है। देर रात तक लोग अपनों को तलाशते रहे।

घायलों को मिलेगा बेहतर उपचार

एडीजी कानून एवं व्यवस्था अमिताभ यश, मंडलायुक्त रोशन जैकब, जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सेंगर, जेसीपी कानून एवं व्यवस्था अमित वर्मा ने ट्रांसपोर्ट नगर पहुंचे। एडीजी कानून एवं व्यवस्था ने कहा कि बिल्डिंग में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। घायलों को बेहतर इलाज मिले। इसके लिए सभी विभाग सामंजस्य बना कर काम कर रहे हैं।

25 जनवरी 2023 को अलाया अपार्टमेंट जोरदार आवाज के साथ ढह गया था

हजरतगंज में 25 जनवरी 2023 को अलाया अपार्टमेंट जोरदार आवाज के साथ ढह गया था, जिसमें 14 लोगों को बाहर निकाला गया था। हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई थी। आरोप था कि अपार्टमेंट का निर्माण बिना नक्शा पास कराए और घटिया सामग्री का प्रयोग करके बनाया गया था। मामले में बिल्डर फहद यजदानी समेत कई लोगों पर केस दर्ज कर सलाखों के पीछे भेजा गया। वहीं अब एक साल आठ माह के बाद सरोजनीनगर स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में 3 मंजिला बिल्डिंग हरमिलाप अचानक भरभराकर गिर गई। घटना के वक्त बिल्डिंग के बेसमेंट में काम चल रहा था। हादसे में करीब 5 लोगों की मौत बतायी जा रही है तो दो दर्जन से अधिक लोग जिन्दगी और मौत के बीच जंग से जूझ रहे है। करीब डेढ साल के अन्तराल में लखनऊ में दूसरी बड़ी घटना ने घटी है जिसमें शासन से लेकर प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी है। मलबे में दबे लोग चीख-पुकार कर जान बचाने की गुहार लगाते रहे। कई लोगों को तो रेस्क्यू टीम ने बचा लिया तो कई लोगों की सांसे मलबे में ही दब गई।

बिल्डिंग मालिक राकेश सिंघल ने इसे किराए पर दे रखा है। बिल्डिंग में कई कंपनियों का गोदाम बना था। एलडीए के अधिकारियों का कहना है साल 2010 में बिल्डिंग का नक्शा पास कराया गया था। मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि बिल्डिंग का क्षेत्रफल लगभग 10 हजार स्क्वायर फीट से अधिक है। एक कंपनी अपना सामान शिफ्ट कर रही थी। इस दौरान ट्रक की टक्कर बिल्डिंग में लगने से हादसा हुआ है। सामान शिफ्टिंग का काम कल भी हुआ था। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि घटना के समय बेसमेंट में निर्माण काम चल रहा था। फिलहाल पुलिस और प्रशासन हादसे की गुत्थी सुलझाने के साथ ही लापरवाह जिम्मेदारों की तलाश कर रही है।

बड़ी घटनाओं से निपटने के लिए नहीं पुख्ता इंतजाम

अलाया अपार्टमेंट जमींदोज होने के बाद शासन-प्रशासन ने इस तरह की बड़ी घटनाओं से निपटने के लिए योजनाए तो बनायी लेकिन धरातल में सामने नहीं आ पायी।

अभी ऐसी कोई हाईटेक रोबोटिक मशीनरी सामने नहीं आयी है कि वह मलबे में दबे लोगों का स्थिति का सही आंकलन कर सके और रेस्क्यू टीम समय रहते लोगों को बचा सके।

इस तरह की जब भी कोई बड़ा हादसा होता है तो एनडीआरएफ,एसडीआरएफ व फायर विभाग की टीमों पर रेस्क्यू कर लोगों की जिन्दगी बचाने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। हालांकि इस हादसे में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। शाम करीब 7 बजे ड्रोन से भी मलबे में फंसे लोगों को सर्च किया गया। बतातें चले कि फायर विभाग ने अभी कुछ माह पूर्व में आग से बचाव के लिए रोबोट के माध्यम से अभ्यास किया था।

 

2010 में पास हुआ था नक्शा, निर्माण क्वालिटी की जांच करेगा एलडीए

एलडीए से उसका नक्शा वर्ष 2010 में पास हुआ था। करीब 13 वर्ष पहले ही यह बिल्डिंग बनकर तैयार हुई थी। भूखंड संख्या टीपीएन-54/फेज- एक एलडीए के दस्तावेजों में कुमकुम सिंगल के नाम दर्ज है। भूखंड का क्षेत्रफल 1000 वर्ग मीटर है। बिल्डिंग ध्वस्त होने के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने प्राधिकरण सचिव विवेक श्रीवास्तव, उप सचिव अतुल कृष्ण सिंह सहित इंजीनियरों की टीम को राहत बचाव के काम के लिए मौके पर रवाना किया। प्राधिकरण की पूरी टीम राहत बचाव कार्य में लगी हुई है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इस भूखंड का नक्शा 31 अगस्त 2010 को ही पास हुआ था। बिल्डिंग को बने हुए अभी लगभग 13 वर्ष ही हुए हैं। इतने कम समय में बिल्डिंग के गिरने का मतलब निर्माण की क्वालिटी अच्छी नहीं रही है। या फिर बिल्डिंग के निर्माण में कोई तकनीकी खामी रही होगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण इसकी जांच करने में लगा है। फिलहाल बिल्डिंग में अवैध निर्माण हुआ था या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है।