अमेठी जनपद के मुख्यालय गौरीगंज में शनिवार की देर रात विद्युत का लाइन ठीक करते समय एक निविदा संविदा लाइन मैंन की करंट लगने से मौत हो गई। परिजनों वा ग्रामीणों ने जिला अस्पताल में हंगामा करने लगे और उसके बाद गौरीगंज-अमेठी रोड जाम कर दिया और चार घंटे तक लोगों ने प्रदर्शन किया।विभागीय अफसरों के आर्थिक सहायता, मृतक के एक आश्रित को संविदा नौकरी देने के आश्वासन पर प्रदर्शन बंद हुआ। दरअसल पूरा मामला जनपद अमेठी के मुख्यालय गौरीगंज का है। जहां पर संग्रामपुर थाना क्षेत्र के भावलपुर कटरा गांव निवासी संविदा कर्मी 30 वर्षीय कुलदीप गौरीगंज शहरी उपकेंद्र पर संविदा पर लाइन मैन था। शनिवार रात्रि वार्ड नंबर 19 स्थित संकल्प होटल के पास विद्युत फाॅल्ट ठीक करते समय करंट की चपेट में आने से झुलस गया।
इलाज के दौरान लाइनमैन की हुई मौत
स्थानीय लोगों द्वारा इलाज के लिये आनन फानन में जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां उसकी मौत हो गई। साथी मौके से भाग निकला। सूचना मिलते ही उपकेंद्र पर मौजूद एसएसओ व जेई अभिलेख सहित मौके से भाग निकले। मृतक के परिजन अस्पताल पहुंचे, लेकिन पावर कॉर्पोरेशन जिम्मेदार वहां नहीं गए। परिजन और ग्रामीण भड़क गए। कुछ संविदा लाइन मैन भी मौन रूप से समर्थन में आ गए।
शव को रखकर लोगों ने किया हंगामा एवं रोड जाम
भड़के लोगों ने अस्पताल में प्रदर्शन व हंगामा शुरू कर दिया। लोग शव को स्ट्रेचर पर रखकर उपकेंद्र पहुंच गए। वहां धरने पर बैठे अफसरों को मौके पर बुलाने की जिद करने लगे। एसएचओ श्याम नारायण पांडेय के समझाने पर भी नहीं माने तो एसडीएम दिग्विजय सिंह व सीओ मयंक द्विवेदी सहित कई थानों की पुलिस बुलाई गई। तभी प्रदर्शन कारियों ने गौरीगंज,अमेठी मार्ग जाम कर दिया। यह देखकर एसडीएम ने प्रभारी अधीक्षण अभियंता को बुलाया गया। घटना के लगभग चार घंटे बाद पहुंचे अधीक्षण अभियंता को देख आक्रोशित परिजन उलझ गए। पुलिस व अफसरों ने स्थिति संभाली।
विद्युत विभाग के अधिकारियों के आश्वासन देने पर धरना प्रदर्शन हुआ खत्म
प्रभारी अधीक्षण अभियंता ने मृतक के एक आश्रित को संविदा नौकरी, साढ़े सात लाख मुआवजा व प्रकरण की जांच में दोषी मिलने वालों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया तब जाकर प्रदर्शन करियों का गुस्सा शांत हुआ। उन्होंने पीड़ित परिवार को मौके पर 20 हजार की नकद आर्थिक सहायता दी। करीब चार घंटे बाद रोड पर आवागमन बहाल हुआ।
पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और घटना की छानबीन में जुट गई
पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया।कुलदीप के पिता की मौत पहले ही हो चुकी थी।कुलदीप अपने परिवार का एकलौता सहारा था।बेटे के शव को देख मां आशा देवी बेहाल हो गई। बार-बार शव का हाथ-पैर पकड़ बेटा उठों-उठों की रट लगा रही थी। गर्भवती पत्नी प्रिंसी कह रही थी, कि अभी तो कहा था कि आने वाला हूं,अब क्यों सो रहे हो। यह कहकर पत्नी बेहोश हो गई। पांच साल का बेटा आरुष को शायद नहीं पता जिस पिता से उसने कॉपी मंगवाई थी, वह अब कभी नहीं आने वाले है।इस घटना से परिजनों में कोहराम वा गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।