जहां एक तरफ देश के प्रधानमंत्री मोदी तथा उ,प्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फरमान है कि पत्रकारों को प्रताड़ित न किया जाए, पत्रकारों को राजनीतिक द्वेष के चलते फर्जी मुकदमे में ना फंसाया जाए, अधिकारी कर्मचारी खबर कवरेज के दौरान पत्रकारों का सहयोग करें, वही अमेठी जनपद अंतर्गत विकासखंड शुकुल बाजार के ग्राम सभा जलाली बलापुर में बने अस्थाई गौशाला में गौवंशों की दुर्दशा और गौशाला की अव्यवस्थाओं पर खबर चलाए जाने को लेकर पत्रकारों पर राजनीतिक षड्यंत्र रचते हुए फर्जी एससी एसटी एक्ट का मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया पत्रकार दीपक पाठक जो की स्वतंत्रत एकता समाचार और पत्रकारिता शिक्षा ट्रस्ट राष्ट्रीय पत्रकारिता संस्था से अमेठी जिला अध्यक्ष व पत्रकार हैं, वहीं सुशील कुमार मिश्रा जो की स्वतंत्र प्रभात हिंदी दैनिक समाचार पत्र के अमेठी ब्यूरो हैं ,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों पत्रकार पर फर्जी तरीके से दर्ज कर दिया गया एफ आई आर
गौशाला में गौवंशों की दुर्दशा और अव्यवस्थाओं पर खबर चलाना पत्रकार को पड़ा महंगा
ग्राम सभा में प्रधान तो दलित समुदाय है, लेकिन प्रधान प्रतिनिधि मुस्लिम समुदाय का है जिनका नाम तनवीर पुत्र मुनाफ जो गौवंशों की सही देखरेख चारा पानी का प्रबंध नहीं कराते हैं,कई गौवंश बीमार हैं जिनका इलाज भी समय से नहीं कराया जा रहा है मिली जानकारी के अनुसार दोनों पत्रकार 3 फरवरी को जलाली बलापुर में बने अस्थाई गौआश्रय स्थल पहुंचे तो वहां मौजूद केयरटेकर द्वारा पूरे गौशाला का निरीक्षण कराया गया निरीक्षण के दौरान गौ वंशों की जैसी स्थिति पाई गई लाइव लोकेशन के साथ मोबाइल से रिकॉर्ड किया गया। उसके उपरांत शांतिपूर्ण ढंग से गौशाला से वापस लौट आए, विडियो वायरल हुआ व खबर चलाने को लेकर प्रधान प्रतिनिधि द्वारा पत्रकार से बातचीत की गई बाद में 4 फरवरी 2025 को खबर को पत्रकारों ने ट्वीट किया खबर अन्य अखबारों व न्यूज़ पोर्टल पर भी चली, ट्वीट को लेकर ग्राम पंचायत सचिव सूरज पटेल द्वारा पत्रकार दीपक पाठक पर ट्वीट डिलीट करने का दबाव बनाया गया जिसका ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग पत्रकार के पास मौजूद है।
मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री का है निर्देश पत्रकारों पर न दर्ज हो फर्जी एफआईआर लेकिन अमेठी में पत्रकारों पर राजनीतिक दबाव के चलते दर्ज कर दिया गया एफआईआर
खंड विकास अधिकारी अंजलि सरोज द्वारा 4 फरवरी 2025 को ट्विटर पर जो आख्या लगाई गई उसमें केयरटेकर से बदसलूकी का कहीं जिक्र नहीं है, जब पत्रकार ने खबर डिलीट नहीं किया तो मनगढ़ंत ढंग से राजनीतिक षड्यंत्र रच कर उसी गौशाला की महिला केयरटेकर द्वारा पत्रकार पर जाति सूचक शब्द व गाली देने का आरोप लगाते हुए फर्जी तरीके से 6 फरवरी शाम को एफ आई आर दर्ज करा दी गई। जबकि पत्रकारों द्वारा उपस्थित केयरटेकर से किसी प्रकार की अभद्र बातचीत नहीं की गई ना ही जति सूचक शब्द का इस्तेमाल किया गया, लगाए गए आरोपों को पत्रकारों ने असत्य, मनगढ़ंत व खबर को लेकर पेशबंदी बताया खबर चलाए जाने की पेशबंदी में पत्रकारों को झूठे आरोप में फसाया गया, जबकि सचिव ने 4 फरवरी को ट्वीट डिलीट करने के लिए फोन किया जिसकी ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग मौजूद है जिसमें केयरटेकर से किसी प्रकार की गलत बातचीत का जिक्र नहीं है, ना ही खंड विकास अधिकारी द्वारा 4 फरवरी को लगाए गए आख्या रिपोर्ट में केयरटेकर से किसी बदसलूकी का जिक्र है जबकि खबर 3 फरवरी को कवरेज की गई थी और खंड विकास अधिकारी जांच आख्या रिपोर्ट 4 फरवरी को लगाई थी आख्या रिपोर्ट में लिखा गया है कि सभी केयरटेकर, ग्राम सभा के प्रधान, सचिव, पशु चिकित्साधिकारी मौजूद थे लेकिन आख्या रिपोर्ट में कहीं भी केयरटेकर से पत्रकार द्वारा गलत बातचीत का जिक्र नहीं है।
लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाला पत्रकार अमेठी में नहीं है सुरक्षित
खबर डिलीट न करने व गौशाला की स्थिति को दिखाए जाने से नाराज होकर संबंधित जिम्मेदारों द्वारा उसी गौशाला की केयरटेकर से फर्जी तहरीर दिलाकर दोनों पत्रकारों पर एससी एसटी सहित अन्य धाराओं में फर्जी मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया। इस तरह मीडिया कर्मियों का मानसिक, शारीरिक, और आर्थिक शोषण करते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाया गया। जब लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ही अमेठी में सुरक्षित नहीं है, अत्याचार ,अन्याय ,भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकता तो आम आदमी कैसे आवाज उठा सकता है। हर ग्राम प्रधान के पास कुछ ऐसे व्यक्ति होते हैं जो उनके कहने पर कुछ भी बोल सकते हैं बिना किसी तथ्य, आधार, वह पुख्ता सबूत के आखिर कैसे पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा लिख दिया गया। अगर इसी तरह पत्रकारों का शोषण होता रहा तो आखिर पत्रकार कैसे खबर कवरेज करेंगे और कैसे खबर चला पाएंगे पत्रकारों ने उ प्र सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित आला अधिकारियों से फर्जी मुकदमे से निजात दिलाए जाने, षड्यंत्र रचने व पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की मांग की है।