मंजुरूल हसन (राना )
युवा मीडिया, लखनऊ। राजधानी में वीवीआईपी कल्चर और ओवरस्पीडिंग को लेकर पुलिस के सारे अभियान डायरी में सिमट गए हैं। मंगलवार को कुछ ऐसा ही नाजारा लखनऊ के वीआईपी इलाके में दिखाई दिया। यहां ब्लैक फिल्म से लैस स्कार्पियो से रईसजादों को रेस लगाना महंगा पड़ गया।
अनियंत्रित रफ्तार की चपेट में आने से बाल-बाल बचे बाइक सवार को देख अधिवक्ता ने अपनी इनोवा कार से पीछा करने के साथ पुलिस को सूचना दी। करीब दो किलोमीटर के दायरे में अधिवक्ता ने स्कार्पियो कार को हजरतगंज स्थित गन्ना संस्थान के सामने रोक लिया। जब तक पुलिस पहुंचती अधिवक्ता ने स्कार्पियो सवार रईसजादों को यातायात के नियमों का पाठ पढ़ाते हुए ब्लैक फिल्म उतरवायी। जिसका वीडियो भी अधिवक्ता ने बनाया। वहीं कुछ देर बाद पहुंची पुलिस ने स्कार्पियो सवार को डालीबाग चौकी लेकर पहुंची।
ओवरटेक कर वीवीआईपी इलाके से रईसजादों को पकड़ा
दरअसल मंगलवार की रात करीब 12:15 बजे गौतमपल्ली थाना क्षेत्र स्थित 1090 चौराहे से अधिवक्ता मंगेश शुक्ला अपने तीन दोस्तों के साथ इनोवा कार से गुजर रहे थे।
इसी दौरान तेज रफ्तार अनियंत्रित स्कार्पियो यूपी 72 बीक्यू 1575 कार उनके बगल से गुजरी और बाइक सवार को छूते हुए गुजर गई। घटना को अपनी आंखों के सामने होता देख मंगेश ने काली फिल्म लगी स्कार्पियो का पीछा किया और गन्ना संस्थान के सामने रोक लिया। अधिवक्ता ने स्कार्पियो सवार चार रईसजादों को नीचे उतरवाने के साथ ही काली फिल्म उन्हीं के हाथों से उतरवाने का सिलसिला शुरू कर दिया।
कुछ देर बाद पुलिस का एक सिपाही पहुंचा और जांच-पड़ताल का हवाला देकर चारों युवकों को चौकी पर ले आया। अधिवक्ता ने बताया कि चालक समेत सभी तीनों युवकों ने शराब पी रखी थी। जो काम पुलिस को करना चाहिए उन्हें करना पड़ा। वहीं रईसजादे युवकों का आरोप है कि ओवरटेक की वजह से नाराजगी के चलते उनके साथ अधिवक्ता ने अभद्रता की है। उनकी कार से कोई चोटिल नहीं हुआ है। डालीबाग चौकी इंचार्ज ने बताया कि रात में ही नाम पता लिख कर स्कार्पियो समेत चारों युवकों को छोड़ दिया गया था। स्कार्पियो प्रयागराज की है। फोन से संपर्क करने पर युवकों ने कहा स्कापियो प्रयागराज चली गई है।
एएसपी के बेटे की मौत के बाद सुनिश्चित किए गए थे प्रमुख सात मार्ग
बताते चलें कि बीते 21 नवम्बर 2023 को गोमतीनगर विस्तार थाना अंतर्गत जनेश्वर मिश्र पार्क के पास लखनऊ की एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव का इकलौता बेटे नैमिश ओवरस्पीडिंग का शिकार हो गया था। वह स्केटिंग स्केटिंग प्रेक्टिस के लिया गया था, तभी एक तेज रफ्तार कार ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि, विभाग के महिला अधिकारी के बेटे की मौत के बाद लखनऊ पुलिस ने वाहनों की ओवरस्पीडिंग पर अंकुश लगाने के लिए 7 मार्गों को चिन्हित किया था। इन मार्गों पर हाईटेक सीसीटीवी और स्पीडोमीटर भी लगाए गए थे। अब अगर कोई भी वाहन चालक अपने वाहन की स्पीड 60 से ऊपर ले जाता है तो स्पीडोमीटर की मदद से तुरंत चालान काट दिया जाएगा। बावजूद इसके शहर में वाहन चालक ओवरस्पीडिंग में वाहन चला है। जिसका सिलासिला बदस्तूर जारी है।
कागजों में सिमट गया वीवीआईपी कल्चर अभियान
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर प्रदेश में वीवीआईपी कल्चर के खिलाफ अभियान शुरू किया था। इसके तहत गाडिय़ों में लगी काली फिल्म, तेज प्रेशर हॉर्न, हूटर लगाने वाले वाहन स्वामियों व चालकों पर कार्रवाई किया जाना सुनिश्चत था। हालांकि, राजधानी में सप्ताह भर तक चला वीवीआईपी कल्चर अभियान कागजों में सिमट चुका है। यही वजह है कि तमाम वाहन स्वामी अपनी गाडिय़ों में काली फिल्म का इस्तेमाल कर तेज रफ्तार में गाडिय़ां चला रहे हैं।