लखनऊ। क्षत्रिय समाज को हर प्रकार के नशे से दूरी बनानी होगी। नशा नाश का द्वार है। क्षत्रिय समाज के बच्चों और युवाओं को नशे की तरफ जाने से रोकना होगा। क्योंकि, आज नशा फैशन बन गया है। युवा पीढ़ी नशे के जाल में फँसती जा रही है। आजकल पार्टी का मतलब ही दारू-मुर्गा हो गया है। नशे के सौदागर गली-गली घूम रहे हैं।
यह बात नशामुक्त समाज आन्दोलन ‘अभियान कौशल का’ के बीकेटी इंचार्ज नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान ने कही। वह शनिवार को राष्ट्रीय क्षत्रिय राजपूत समन्वय संघ की एक विशेष बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। राजपूत संघ ने मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में क्षत्रिय समाज की बैठक बुलाई थी। गुड़म्बा में आयोजित इस बैठक में समाज के विभिन्न विषयों के साथ नशे पर गंभीर चर्चा हुई।
बैठक में उपस्थित राजपूत संघ के सभी पदाधिकारियों को नशामुक्त सेनानी नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान ने अंग वस्त्र पहनाकर सम्मानित किया। सभी को तमाम प्रकार नशे और उसके दुष्परिणाम बताए गए। सबसे अपील की गई कि वे अपने बच्चों को तम्बाकू-गुटखे की पहली चुटकी, बीड़ी-सिगरेट की पहली फूंक व बियर-शराब की घूंट से बचाएं। सबकी दोस्ती नशामुक्त होनी चाहिए।अंत में सबको आजीवन नशामुक्त रहने का संकल्प कराया गया।
बैठक में राष्ट्रीय क्षत्रिय राजपूत समन्वय संघ, उप्र के प्रांतीय समन्वयक देवेन्द्र कुमार सिंह चौहान, युवा कल्याण प्रमुख सत्येंद्र बहादुर सिंह, विधिक प्रमुख आशीष सिंह एडवोकेट, रोजगार प्रमुख अजय सिंह सिकरवार, सुनील सिंह भदौरिया, शिव बहादुर सिंह गौर, समाजसेवी रवि प्रकाश सिंह, सत्येंद्र मणि सिंह रैकवार व अजय सिंह आदि मुख्यरूप से उपस्थित थे।