लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारिता को समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है, लेकिन कुछ अधिकारियों द्वारा पत्रकारों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार और धमकियों के मामले लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जनपद अमेठी से सामने आया है, जहां हिन्दी खबर न्यूज चैनल के जिला संवाददाता विकास शुक्ला के साथ समाज कल्याण विभाग के तिलोई खंड में तैनात प्रवीन कुमार, सहायक विकास अधिकारी (समाज कल्याण) द्वारा अनुचित व्यवहार किया गया।
क्या है पूरा मामला
पत्रकार विकास शुक्ला ने दिनांक 4 फरवरी 2025 को लगभग सायं 05:30 बजे प्रवीन कुमार से फोन पर संपर्क कर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह से संबंधित जानकारी मांगी थी। लेकिन जानकारी देने के बजाय, अधिकारी ने न केवल उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, बल्कि उन्हें धमकी भी दी।इस पूरी बातचीत की ऑडियो क्लिप हिन्दी खबर न्यूज चैनल के प्रधान संपादक द्वारा ट्विटर पर सार्वजनिक कर दी गई है, जिससे यह मामला और अधिक चर्चाओं में आ गया है।
लोकतंत्र और पत्रकार हितों की रक्षा की मांग
पत्रकार विकास शुक्ला ने इस घटना की लिखित शिकायत मुख्य विकास अधिकारी, अमेठी को देते हुए मांग की है कि उक्त अधिकारी के खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के तहत विधिक कार्यवाही की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने का अधिकार संविधान द्वारा प्रदत्त है, और इस प्रकार के कृत्य लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचाने के समान हैं।पत्रकार ने अपनी शिकायत की एक प्रतिलिपि जिला समाज कल्याण अधिकारी, अमेठी को भी भेजी है, ताकि वे भी अपने स्तर से आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।
पत्रकार सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल
यह घटना पत्रकारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। क्या सरकारी अधिकारी अपनी मनमानी से पत्रकारों को धमका सकते हैं? ऐसे मामलों में क्या ठोस कार्रवाई होगी? पत्रकार संगठनों और मीडिया जगत से जुड़े लोगों ने इस मामले को गंभीरता से लेने और प्रशासन से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
क्या होगी आगे की कार्रवाई
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। क्या संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी या यह मामला अन्य घटनाओं की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा? पत्रकार हितों की रक्षा के लिए आवश्यक है कि इस तरह के मामलों में त्वरित और कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर पत्रकारों को धमकाने की हिम्मत न करे।