फूलों की होली पर जमकर नाचें श्रोतागण
सुखदेव जी द्वारा श्रीमद्भागवत कथामृत सुनाकर राजा परिक्षित को मोक्ष की प्राप्ति
देखि सुदामा की दीन दशा करुणा कर के करुणा निधि रोय……..प्रेम बस भगवान भी भक्त के आधीन हो जाते हैं”
युवा मीडिया (ब्यूरो) ललितपुर |बॉंसी के ग्राम बॉंसी की ह्रदय स्थली श्री टोरिया हनुमान मंदिर प्रांगण में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस पर महाराज श्री ने श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता की सुंदर कथा श्रोताओं को श्रवण कराई।
कथा के सप्तम दिवस पर हजारों की संख्या में भक्तों ने महाराज श्री के श्रीमुख से कथा का श्रवण किया। भागवत कथा के सप्तम दिवस की शुरुआत भागवत आरती और विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई।
सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का बुधवार को समापन हुआ। मथुरा वृंदावन धाम से आए कथा व्यास मुरारी दास जी महाराज ने व्यासपीठ पर विराजमान होकर भागवत कथा का श्रवण कराया। श्रीमद्भागवत कथा में विभिन्न धार्मिक प्रसंग सुनाए गए।
साथ ही भजनों की प्रस्तुति से भक्तगण आत्मविभोर होकर झूम उठे। इसके साथ ही श्रीमद्भागवत कथा का बुधवार को समापन हुआ। भगवान श्रीकृष्ण के वात्सल्य व असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा की गई विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया।
इस धार्मिक अनुष्ठान के समापन दिवस पर भगवान श्रीकृष्ण की सर्वोपरि लीला सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया।
महाराज जी ने कहा जब सारी दुनिया जिसे ठुकरा दे उसे भगवान अपना लेते हैं,निस्वार्थ भाव रखने बाले भक्त प्रभू के सदैव ह्रदय में वास करते हैं ।
हमें श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता से सीखना चाहिए
इस दौरान भजन गायकों ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। इस कथा में बड़ी संख्या में महिला-पुरूषों भक्तों ने आनंद उठाया। उन्होंने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने को कहा।
जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है। कथा के पश्चात आरती की गई व सभी भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की।अरविंद कुमार पटेल के साथ रोहित नामदेव की रिपोर्ट