महापुरुषों के संघर्ष और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता : समाजसेवी मुशरफ खां

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स्वतंत्रता दिवस विशेष 

आजादी के लिए हमारे महापुरुषों के संघर्ष और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता : वरिष्ठ समाजसेवी मुशरफ खान

अपने प्राणों की आहुति देकर देश को आजादी दिलाने बाले सभी ज्ञात – अज्ञात वीर सपूतों, क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों और जननायको को बारम्बार नमन : वरिष्ठ समाजसेवी मुशरफ खान

आगरा। भारत के इतिहास में और हर भारतीय नागरिक के जीवन में 15 अगस्त सबसे महत्वपूर्ण दिन है। यह हमारा राष्ट्रीय त्यौहार है। इस पावन अवसर पर हम वीर सपूतों के अलावा उन सभी सेनानियों को नमन करते हैं, जिन्होंने हमारे देश को आजाद करने में अपनी भूमिका निभाई और अपने प्राणों का बलिदान दिया। इस खास दिन को हर भारतीय स्वतंत्रता दिवस के तौर पर बड़ी धूमधाम एवं उत्साह के साथ मनाता है।

78वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी मुशरफ खान ने सभी वीर सपूतों, क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों को नमन एवं सभी देशवाशियों को आजादी के पावन पर्व की शुभकामनाएं दी। श्री खान ने कहा, एक सच्चे देशभक्त भारतीय के लिए स्वतंत्रता दिवस काफ़ी महत्व रखता हैं। इस दिन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का अवसर मिलता है।

यह हर भारतीय के लिए बहुत ही ऐतिहासिक दिन है और हमारे देशवासियों के लिए देशप्रेम, समर्पण और एकता का प्रतीक है। यह दिन इनकी बहादुरी, वीरता और शौर्य को याद करने का दिन है। देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी को पाने के लिए लंबा संघर्ष किया और आज़ादी पाने के लिए अपना पूरा जीवन, पूरी जवानी ख़ुशी – ख़ुशी देश के लिए न्योछावर कर दी।

आज के दिन हम उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों का नमन करते हैं और उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं, जिनके बलिदान के फलस्वरूप आज हम सबसे बड़े लोकतंत्र देश के रूप में उभरकर सामने आये हैं। आज हमारा देश विश्व पटल पर अपने लोकतंत्र की बदौलत शीर्ष पर मौजूद है।

आजादी के बाद हमारे देश ने बहुत तरक्की की है। हमारा देश विश्व में एक शक्तिशाली राष्ट्र बन गया है, लेकिन अभी भी हमारे देश में बहुत सारी समस्याएं हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए हमें एकजुट होकर प्रयास करना होगा। हालांकि हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था लेकिन कुछ लोग अभी भी कुछ चीजों से आजाद नहीं हुए हैं और वो है जाति, धर्म, महिलाओं की इज्जत करना, दूसरों और बुजुर्गों का आदर सम्मान ना करना।

तो आइये हम सब मिलकर 78वें स्वतंत्रता दिवस पर आज़ शपथ लें कि आगे बढ़कर इन चीजों को अपने समाज से धीरे-धीरे समाप्त करेंगे और देश के सभी लोगों और धर्मों को सम्मान करते हुए एक दूसरे की इज्जत करेंगे। महिलाओं के साथ ही सभी का आदर करेंगे ताकि हमारा देश एक बार फिर से सोने की चिड़िया कहला सके। आइये तोड़ दें जंजीरें जाति और धर्म की, क्योंकि असली मंजिल पाना अभी बाकी है।

कभी कहलाते थे सोने की चिड़िया, उस दम्भ को दोबारा पाना अभी बाकी है। आओं राष्ट्रहित में इस ऐतिहासिक अवसर पर हम भाईचारा, एकता, विविधता और प्रगति के उन मूल्यों को बनाए रखने के लिए शपथ लें,और संविधान में लिखी बातों का ईमानदारी से पालन करने का संकल्प ले, जिनके लिए हमारा देश पुरे विश्व में जाना जाता है।

उन्होंने कहा कि आज 78वीं वर्षगांठ के शुभारंभ के उपलक्ष्य में हम उन शहीदों को याद किया जा रहा है जिन शहीदों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किये थे। इससे हमें एक प्रेरणा मिलती है कि हम अपने देश के लिए भाईचारे के साथ समर्पित रहें और देश की एकता को सहेज कर रखें। यह आजादी हमें ऐसे ही नहीं प्राप्त हुई। देश के सभी वीर सपूतों, क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को आजाद कराया हैं।

इसलिए उनके त्याग और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इसीलिए राष्ट्रीय पर्व पर हम उन महान जन नायकों को याद करते हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारे देश की

स्वतंत्रता कितनी मूल्यवान है और हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए। यह दिन हम में देशभक्ति की भावना को जगाता है। और बताता हैं कि आजादी के इस पर्व पर हमें अपने देश के प्रति अपने कर्तव्यों को याद रखना चाहिए तथा अपने देश को और भी मजबूत और समृद्ध बनाने के लिए ईमानदारी से काम करना चाहिए।

इसलिए स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को हमेशा याद रखें और देश के प्रति अपने कर्तव्यों को जिम्मेदारी से निभाएं। इन दिन का सबसे बड़ा सन्देश यही है कि देशहित में हम सभी देशवासी अपने कर्तव्य का पूरी निष्ठा से पालन करें। तभी हम उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों का सपना पूरा कर पायेंगे और उनके सपनों का नया भारत बना पाएंगे।