मूल नाश की जड है अहंकार उसे समाप्त करना होगा तभी मानव कल्याण सम्भव

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बेनीगंज/हरदोई_कस्बे के अल्लीपुर सड़क स्थिति चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा मे बृहस्पतिवार शाम को कथा व्यास शिवानन्द भाई ने कहा कि आज हम लोग यहां पर श्रीमद भागवत कथा सुनने के लिए एकत्रित हुये हैं और श्रीमद भागवत कथा ही एक ऐसा मार्ग है जो हमें भगवान के दर्शन कराता है।

जीवन को सुखमय बनाता है, जो भगवान का सच्चा नाम है उसका बोध कराता है।मानसिक विकारों को दूर करता है। हमको पहले अपने अन्दर से काम, क्रोध, मोह, लोभ और अहंकार को निकालना होगा। एक बार एक सेठ गुरु महाराज जी से कहता है कि महाराज मुझे ईश्वर के दर्शन कराओ।

गुरु महाराज जी उससे कहते हैं कि सुबह मैं तुम्हें लेने आऊँगा और पास में एक पहाड़ी है उसके ऊपर ईश्वर है, वहां तू भगवान के दर्शन कर सकता है।दूसरे दिन गुरु महाराज जी सेठ को लेकर उस पहाड़ी पर चढ़ने लगते हैं।

पहले उस सेठ को पांच पत्थर देते हैं और सेठ उन्हें अपनी झोली में रख लेता है। गुरु महाराज जी कहते हैं कि ये पांच पत्थर हम पहाड़ की चोटी पर तुमसे ले लेंगे।पहाड़ी पर सेठ चढ़ने लगता है तो वह गुरु महाराज जी से कहता है कि क्या वह एक पत्थर नीचे गिरा सकता है।क्योंकि ये बहुत भारी हो गये हैं।

गुरु महाराज जी ‘हाँ’ कह देते हैं, ऐसा करते करते वह सेठ सारे पत्थर एक एक करके नीचे गिरा देता है। जब सेठ और गुरु महाराज जी चोटी पर चढ़ते हैं तो सेठ गुरु महाराज जी से कहता है कि गुरु महाराज जी यहां तो भगवान नहीं है। आपने तो कहा था कि यहां भगवान है और चोटी पर तुम भगवान के दर्शन कर सकोगे।

गुरु महाराज जी के दर्शन कर सकोगे। गुरु महाराज सेठ को कहते हैं कि जब हम माया, मोह, लोभ, क्रोध और अहंकार रूपी पांच पत्थरों को हटा देंगे, तभी हमको भगवान के दर्शन होंगे।अगर हम गुरु महाराज की सेवा करते हैं तो हमको अहंकार नहीं होना चाहिये। हमको यह भी नहीं सोचना चाहिये कि मैं ज्यादा सेवा कर रहा हूँ तो मेरा पद बढ़ जाना चाहिए।

अगर हमें अहंकार होगा तो हम सेवा भक्ति के मार्ग से नीचे गिर जायेंगे।इस मौके पर पुनीत मिश्रा, लवकुमार मिश्रा, दिलीप, गंगाराम मिश्रा, रामशंरण, रोहित मिश्रा, रमाकांत शुक्ला शिवशंकर वैश्य, राम कुमार वर्मा आदि लोग मौजूद रहे।