मुख्तार के बेटे से लेकर गैंगस्टर संदीप का बना फर्जी असलहा लाइसेंस,दस्तावेज लापता

Share

असलहा लाइसेंस के दस्तावेज लापता, खंगाली जा रहीं पुराने फाइले

लखनऊ। प्रदेश में आम आदमी को लाइसेंस बनवाने और उसको ट्रांसफर कराने के लिए सालों भागदौड़ करनी पड़ रही है, लेकिन राजधानी लखनऊ में अपराधियों के लाइसेंस आसानी से बनने के साथ ही रिन्यूअल तक आसानी से हो रहे हैं। अभी हाल ही में ऐसे दो मामले सामने आए हैं। सबसे पहले मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास के फर्जी लाइसेंस का मामला सामने आया। यह मामला अभी सॉल्व भी नहीं हो पाया था कि इसी बीच सपा विधायक अभय सिंह के साले संदीप सिंह का फर्जी लाइसेंस को बिना जांच किए ही ट्रांसफर कर दिया गया है। मामला तूल पकडऩे और एसटीएफ के ब्यौरा मांगने के बाद असलहा ऑफिस में खलबली मची है। डीएम ने पूरे मामले की जांच एसडीएफ फाइनेंस को सौंपी है। वहीं पुलिस कमिश्नर ने पुलिस की भूमिका की जांच डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत को दी है।

नगालैंड से जारी फर्जी लाइसेंस को बनाया वैध

एसटीएफ ने 26 मई को जौनपुर निवासी संदीप सिंह उर्फ पप्पू को हिरासत में लेकर नगालैंड से जारी शस्त्र लाइसेंस के विषय में पूछताछ की थी। जिसके बाद उसको फर्जी लाइसेंस बनवाने और राइफल, पिस्टल रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। संदीप ने पूछताछ में बताया था कि रुपए देकर उसने अपना यह लाइसेंस नगालैंड से लखनऊ ट्रांसफर करवाया था। गैंगस्टर संदीप पर नौ मुकदमे दर्ज हैं। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि 2004 में संदीप ने जिस फर्जी लाइसेंस को ट्रांसफर कराया था। उसकी बिना जांच के ही पुलिस और असलहा ऑफिस के लोगों ने वैध लाइसेंस जारी कर दिया।
पुलिस वैरिफिकेशन में एड्रेस दारुलशफा, 107-बी लिखाया है। यह पता माफिया मुख्तार अंसारी के नाम है। वहीं संदीप के लाइसेंस में पता कालिन्दी अपार्टमेंट थाना हजरतगंज लिखा था। इससे साफ है कि थाना पुलिस से लेकर असलहा ऑफिस तक के लोग किसी भी अवैध चीज को वैध करने में नहीं चूक रहे हैं। इसका ही नतीजा है कि माफिया मुख्तार अंसारी के लिखे पते पर एक गैंगस्टर का असलहा लाइसेंस जारी कर दिया गया। जो फर्जी तरीके से नगालैंड से बनवाया गया था। इसका वैरिफिकेशन न ही नगालैंड से कराया गया और न ही संदीप के असली पते से कराया गया। वहीं एसटीएफ की जांच से साफ है कि डीएम ऑफिस स्थित कमरा नम्बर 36 (शस्त्र अनुभाग) से संदीप के लाइसेंस के दस्तावेज भी लापता हैं। जिसके बाद जांच अधिकारी ने डीएम कार्यालय से शस्त्र विभाग से जुड़े लोगों का ब्यौरा मांगा है।

असलहा लाइसेंस से जुड़े कई कर्मचारी रडार पर

अयोध्या के गोसाईंगंज से सपा विधायक के साले संदीप सिंह का नगालैंड में बने फर्जी लाइसेंस में हुए खेल के बाद पुलिस-प्रशासन की नींद टूटी है। इसके बाद सभी जिले में दूसरे प्रदेश से ट्रांसफर होकर आए लाइसेंस की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। वहीं माफिया मुख्तार अंसारी के नजदीकी संदीप सिंह के दो असलहों के लखनऊ में ट्रांसफर के बाद नवीनीकरण और फिर बेचने की फाइल की तलाश शुरू हो गई है। एटीएफ सूत्रों के मुताबिक, असलहा ऑफिस में मुख्तार से जुड़े तीन लोगों की जानकारी हुई है। ये तीनों लोग पैसे लेकर लाइसेंस बनवाने से लेकर ट्रांसफर कराने का खेल करते हैं। वहीं दूसरी तरफ 2004 से असलहा ऑफिस और हजरतगंज थाने में लाइसेंस से जुड़ा काम करने वालों का ब्यौरा मांगा है। जिन्होंने संदीप के लाइसेंस में अपनी रिपोर्ट लगाई थी।

2004 से लगातार हो रहा सिर्फ कागजों पर वैरिफिकेशन

लखनऊ में शस्त्र लाइसेंस जारी होने से लेकर उसके रिन्यूअल तक में कैसे खेल हो रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगालैंड से जारी फर्जी शस्त्र लाइसेंस का यहां से यूनिक आईडी (336200002903612014) तक जारी हो गई। यही नहीं वहां के कर्मचारियों की मिलीभगत से रिन्यूअल भी होता रहा। वहीं संदीप का लाइसेंस 2004 में लखनऊ में ट्रांसफर हुआ था। जिसके बाद उसका लाइसेंस नम्बर 7099 से 7962 हो गया। फिर नवीनीकरण वर्ष 2007 से अब तक होता रहा। सबसे अंत में नवीनीकरण 15 दिसम्बर 2020 को हुआ जो कि 31 दिसम्बर 2025 तक वैध दिखाया गया है।