लखनऊ। जानकीपुरम इलाके में रविवार रात विधायक का स्टीकर लगी कार सवार ने दारोगा व एक सिपाही को रौंदने का प्रयास किया।
तीन चौराहों को पार करने के बाद प्रभात चौराहे पर कार डिवाइडर से टकराने के बाद बंद हो गई। इसी दौरान पुलिस ने तीन किलोमीटर तक पीछा कर उसे पकड़ लिया। पकड़े जाने पर आरोपी ने खुद को भाजपा विधायक का भतीजा बताया। आरोप है कि पुलिस के साथ गाली-गलौज की।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि आरोपित के पास से एक अवैध असलहा भी बरामद हुआ है। दोनों पुलिसकर्मियों को हाथ और पैर के पंजों में चोट आई है।
पुलिस ने घेराबंदी कर चालक को दबोचा
जानकीपुरम इंस्पेक्टर छत्रपाल सिंह के मुताबिक सूचना मिली कि भिठौली भवानी बाजार के पास से एक कार तेज रफ्तार से निकली है। इससे कोई सड़क दुर्घटना हो सकती है। इस पर पुलिस ने सलीम चौराहे के पास चेकिंग लगाई। यह देखकर युवक ने कार की रफ्तार बढ़ा दी और दारोगा प्रमोद कुमार के ऊपर कार चढ़ाने का प्रयास किया। गनीमत रही कि वह सड़क किनारे कूद गए। वायरलेस होने पर पुलिस ने पीछा किया।
लाल रंग की कार मामा चौराहे पर देखी गई। कांस्टेबल आशीष यादव ने नशे में धुत आरोपित से सवाल जवाब किया। इस पर आरोपी ने कांस्टेबल का कालर पकड़ कर लिया और कार की रफ्तार बढ़ाते हुए उन्हें घसीट ले गया। करीब 50 मीटर बाद कार जाकर डिवाइडर से टकरा गई। यहां पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपित को पकड़ा।
आरोपी की पहचान सेक्टर-तीन जानकीपुरम निवासी प्रबल प्रताप सिंह के रूप में हुई। इंस्पेक्टर का कहना है कि आरोपित की कार के पीछे वाले शीशे पर विधायक का स्टीकर लगा हुआ है। वहीं, कांस्टेबल आशीष का इलाज कराया जा रहा है और दारोगा प्रमोद कुमार ठीक हैं।
चेकिंग से बचने के लिए लगाया विधायक का स्टीकर
पुलिस के मुताबिक प्रबल प्रताप सीतापुर के अटरिया का रहने वाला है। उसके पिता किसान हैं। उसने बीए तक की पढ़ाई की है। वर्तमान में वह लखनऊ के जानकीपुरम में अपनी मां के साथ रहता है। प्रबल प्रताप इलाके में अपनी पकड़ दिखाने के लिए सीतापुर के भाजपा विधायक को अपना रिश्तेदार बताता है।
भौकाल के लिए 23 हजार में खरीदी थी अवैध पिस्टल
पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि क्षेत्रीय विधायक उसके पापा के मित्र हैं। उसकी कार चुनाव में भाजपा विधायक के काफिले में चलती थी। तभी भाजपा विधायक का स्टीकर उसकी कार पर लगाया गया था।
पुलिस की चेकिंग से बचने के लिए स्टीकर बाद में भी नहीं हटाया गया। इसी दौरान मडिय़ांव निवासी समी से उसकी मुलाकात हुई। उससे 23 हजार की पिस्टल खरीदी। पिस्टल लगाकर वह रौब गांठने का काम करता था। इसी दौरान पिस्टल से रील बनाना भी शुरू कर दिया।