समग्र कल्याण और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए नींद संबंधी विकारों का निदान सर्वोपरि
-केजीयमयू में आयोजित स्लीप सम्मिट – 2024 में विशेषज्ञों ने किया जागरूक
युवा मीडिया, लखनऊ। केजीयमयू में स्लीप सम्मिट – 2024 के अवसर पर जागरूकता और निदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर डॉ. सोनिया नित्यानंद ने मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
उनके साथ प्रतिष्ठित अतिथि थे, जिनमें डॉ. पिंकी जोवेल, आईएएस एमडी एनएचएम उत्तर प्रदेश और डॉ. सीएम सिंह, निदेशक आरएमएलआईएमएस शामिल थे, जिन्होंने सम्मानित अतिथि के रूप में समारोह को और समृद्ध बनाया।
केजीएमयू में डीन एकेडमिक्स डॉ. अमिता जैन, केजीएमयू की प्रो वीसी डॉ. अपजीत कौर, ईएसआई नई दिल्ली (पल्मोनरी मेडिसिन) की प्रमुख डॉ. दीप्ति गोठी और प्रोफेसर (डॉ.) सूर्यकांत (प्रमुख, रेस्पिरेट्री मेडिसिन) समेत अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।
केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर (डॉ) सोनिया नित्यानंद ने नींद संबंधी विकारों को समझने के महत्वपूर्ण महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन स्थितियों की व्यापकता पर जोर दिया और शीघ्र निदान और प्रभावी प्रबंधन रणनीतियों के महत्व पर जोर दिया।
प्रोफेसर (डॉ.) नित्यानंद की अंतर्दृष्टि ने नींद की गुणवत्ता और समग्र कल्याण को बढ़ाने के लिए अनुसंधान और नैदानिक प्रथाओं को आगे बढ़ाने में सहयोगात्मक प्रयासों की अनिवार्यता को रेखांकित किया।
डॉ. बीपी सिंह (संस्थापक और निदेशक मिडलैंड हेल्थकेयर) ने विभिन्न नींद विकारों के स्पेक्ट्रम का व्यापक अवलोकन दिया। प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र प्रसाद (वीपीसीआई के पूर्व निदेशक और ईएलएमसीएच में प्रोफेसर) ने ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) की जटिलताओं पर विस्तृत परिचय दिया।
प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला
प्रोफेसर (डॉ.) वेद प्रकाश (पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन के प्रमुख) ने स्लीप समिट में अपनी प्रस्तुति के दौरान ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने ओएसए निदान, उपचार के तौर-तरीकों और महत्व के प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला।
एसजीपीजीआई, लखनऊ से डॉ. मानसी गुप्ता ने अपनी प्रस्तुति के दौरान नींद संबंधी विकारों के मूल्यांकन में उपयोग की जाने वाली विभिन्न नैदानिक तौर-तरीकों का व्यापक अवलोकन प्रदान किया।
प्रो0 (डा0) वेद प्रकाश ने बताया कि वर्ल्ड स्लीप डे हर वर्ष नींद को विभिन्न प्रकार की बीमारियो के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये मनाया जाता है। इसका उद्देश्य समाज में नींद सम्बन्धित विकारों को कम करना है ।
यह दिन हर वर्ष शुक्रवार को उस दिन मनाया जाता है जब दिन और रात समय लगभग बराबर होता है। उन्होंने बताया कि समग्र कल्याण और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए नींद संबंधी विकारों के शीघ्र निदान और प्रभावी प्रबंधन में निवेश करना सर्वोपरि है।
पूरे विश्व में लगभग 45 प्रतिशत व्यक्ति निद्रा की कमी से होने वाले असर को महसूस करते है जो उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करते है।