दुबग्गा जार्गस पार्क से डिप्टी एसपी के बेटे किया था अगवा
युवा मीडिया, लखनऊ। दुबग्गा थानाक्षेत्र अन्तर्गत डिप्टी एसपी के बेटे आदर्श सिंह को अगवा करने वाले सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी समेत पांच आरोपियों को दुबग्गा पुलिस ने जेहटा के पास से गिरफ्तार किया है।
जांच के दौरान सामने आया कि आरोपित मनीष सिंह का झगड़ा हरीश नाम के शख्स से हुआ था। हरीश की जगह आरोपितों ने गलती से आदर्श को अगवा कर अपने संग लेकर चले गए थे। जब आरोपितों को गलती का एहसास तो उन्होंने आदर्श को दुबग्गा के कूड़ा चौराहे पर छोड़ भिठौली की तरफ भाग निकले थे। पुलिस ने आरोपितों के पास से एक कार बरामद की है। हालांकि, आरोपितों की सीडीआर रिपोर्ट खंगालने के बाद यह पुलिस की गिरफ्त में आए।
फार्च्यूनर से किया था अगवा
गौरतलब है कि, बीते 04 अक्टूबर को जार्गस पार्क चौराहे के समीप आम्रपाली योजना निवासी आदर्श सिंह को दबंगों ने अगवा किया था। लिखित शिकायत में पीड़ित ने बताया कि घटना के वक्त सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी सुनील चौहान ने आशू, उपेंद्र व अन्य की मदद से उसे फार्च्यूनर से अगवा कर कंकराबाद स्थित सूनसान जगह पर ले जाकर उसे बुरी तरह से पीटा था। पीड़ित ने वहां से भागने की कोशिश की तब आरोपितों ने हवाई फायरिंग कर उसे धमकाया था।
तभी दूसरी गाड़ी से पहुंचे मनीष सिंह ने आदर्श को देखते ही साथियों से कहा कि वह किसी दूसरे को ले आए हैं। इसके बाद आरोपित आदर्श को शिकायत न करने की धमकी देते हुए उसे कूड़ा चौराहे के पास छोड़ भिठौली की तरफ भाग निकले थे। आदर्श के भाई आकाश ने दुबग्गा थाने में लिखित शिकायत देते हुए आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने बताया कि पुलिस ने हयातनगर निवासी में उपेंद्र उर्फ भगत, बीकेटी का सुनील सिंह, माल-गोपरामऊ का मनीष सिंह, ठाकुरगंज का शान मोहम्मद व मलिहाबाद का आशीष उर्फ आशू को गिरफ्तार किया है। बताया कि आरोपियों में सुनील व मनीष के दोस्तों के मोबाइल सर्विलांस पर लगे थे। इससे ही आरोपियों की लोकेशन पता चली। वहीं, दुबग्गा प्रभारी निरीक्षक अभिनव वर्मा ने बताया कि मनीष का हरीश नाम के युवक से विवाद हुआ था। हरीश ने उस समय मनीष को काफी अपशब्द कहे थे। इसका बदला लेने के लिए ही उसने अपने दोस्त सुनील व अन्य से इस बारे में बताया। सेवानिवृत्त फौजी सुनील उसी समय कुछ लोगों के साथ हरीश को पीटने के लिए चल दिया था। दुबग्गा में स्कार्पियो के अंदर बैठे आदर्श को हरीश समझकर ये लोग उठा ले गए थे।