KGMU की दवाइयों पर डाका डालने वाले गिरोह का पर्दाफाश

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केजीएमयू की दवाइयों पर डाका डालने वाले गिरोह का पर्दाफाश
-एसटीएफ ने गिरोह के तीन सदस्यों को लखनऊ से दबोचा
-भारी मात्रा में सरकारी दवाईयां बरामद

लखनऊ। आयुष कालेजों में फर्जी तरीके से हुए दाखिले के बाद अब केजीएमयू में सस्ते दाम पर उपलब्ध मरीजों की दवाइयों पर डाका डालने का मामला सामने आया है।

एसटीएफ और ड्रग विभाग की संयुक्त टीम ने सरकारी अस्पतालों की दवाइयों को खुले बाजार में बेचने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को चौक लखनऊ से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।

आरोपियों के पास से भारी मात्रा में सरकारी दवाइयां बरामद हुई हैं। जिन्हें बाजार में मंहगे दामों पर बेंचा जा रहा था।

एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार नागर के मुताबिक मरीजों के लिए किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में स्थापित कम कीमत की फार्मेसी दुकानों की दवाओं को कूटरचना कर बाजार में ऊंची कीमत पर बेचने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचनाएं मिल रही थी।

मामले की जांच-पड़ताल एसटीएफ द्वारा की जा रही थी। गुरुवार को मुखबिर से सूचना मिली कि  सरकारी अस्पतालों की कम कीमत की दवाओं के रैपर पर लिखी सरकारी मोहर को कूटरचित कर शहर के विभिन्न मेडिकल स्टोर पर ऊंची कीमत पर बेची जा रही है।

गिरोह के कुछ सदस्य चौक थाना क्षेत्र स्थित नीबू पार्क के पास आकर सरकारी अस्पतालों की फार्मेसी की दवाओं का लेन-देन करने वाले हैं। इस सूचना पर घेराबंदी करते हुए गिरोह के तीन सदस्यों को दबोच लिया गया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रजनीश कुमार निवासी जनपद सीतापुर हालपता 60 फिट रोड, त्रिवेणी नगर लखनऊ, नितिन बाजपेयी निवार्सी जनपद सीतापुर वर्तमान पता कृष्णा कालोनी रायपुर थाना मडिय़ांव व प्रियांशू मिश्रा निवासी जनपद सीतापुर हालपता फैजुल्लागंज मडियांव जनपद लखनऊ बताया है।

आरोपियों के कब्जे से तीन मोबाइल , एक केजीएमयू का आर्डडी कार्ड, एक स्कूटी,एक बाइक, 3860 रुपये व सरकारी मेडिसिन से भरे तीन बड़े थैले बरामद हुए हैं। एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों का कहना है कि वह केजीएमयू में स्थित विभिन्न फार्मेसी पर तैनात हैं।

जब मरीज पर्चा दिखाकर दवाइयां लेने आता है उसी समय पर्चे पर लिखी यूएचआईडी नम्बर नोट कर लिया जाता है। इसके बाद इसी यूएचआईडी को कम्प्यूटर में डाल कर सस्ते दाम की दवाईयां निकालकर बाहर बाजार में बेच दिया जाता है।

एसटीएफ ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में गिरोह में शामिल अन्य लोगों के भी नाम बताए हैं। जिनकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।

पर्चे पर लिखी यूएचआईडी नम्बर हासिल कर होता था खेल
गिरफ्तार आरोपी रजनीश कुमार ने पूछताछ में बताया कि वह केजीएमयू में रिवाल्विंग फंड (एचआरएफ) की फार्मेसी दवा की दुकान पर आउटसोर्स संविदा पर फार्मेसिस्ट सेल्समैन का काम पिछले तीन वर्षों से कर रहा है।

केजीएमयू के रजिस्टर्ड मरीजों को 50-60 प्रतिशत छूट पर बिक्री  की जाती है। मरीजों के पर्चे पर दर्ज यूएचआईडी रजिस्टर्ड नम्बर की जानकारी हासिल कर अन्य फार्मेसी दवा दुकानों पर तैनात अपने साथी नितिन बाजपेयी, प्रियांशु मिश्रा, सूरज मिश्रा,

सुग्रीम वर्मा की मदद से छूट की दवाओं पर लिखा केजीएमयू मिटाकर बाहरी मेडिकल स्टोरों से सांठगाठ कर बेंच देते हैं।

आरोपी रजनीश ने बताया कि केजीएमयू व एचआरएफ की दवा दुकानों पर तैनात हमारे साथी हड़पी गयी दवाओं को मरीजों की यूएचआईडी रजिस्टर्ड नम्बर रिकार्ड मेन्टेन कर देते हैं ताकि दवाईयों का मिलान होने पर पकड़ में न आ सके।

गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि हम लोग यह कार्य पिछले 03-04 वर्षों से कर रहे हैं।