UP: प्रतिबंधित नशीली दवाइयों को मंहगे दामों में विदेश में बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश

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एसटीएफ व एफएसडीए की संयुक्त टीम ने सरगना समेत तीन लोगों को दबोचा

lucknow: नशीले प्रतिबंधित दवाइयों को मंहगे दामों पर विदेशों में सप्लाई देने वाले गिरोह सरगना समेत तीन लोगों को एसटीएफ व खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की संयुक्त टीम ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से लाखों की नकदी समेत भारी मात्रा में नशीली दवाइयां बरामद हुई है। गिरोह के सदस्य डार्क वेब स्काइप के माध्यम से ग्राहकों की तलाश कर सप्लाई देते हैं। गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की भी कुंडली एसटीएफ खंगाल रही है।

भारी मात्रा में प्रतिबंधित दवाइयां व लाखों रुपयों की नकदी बरामद

एसटीएफ के प्रभारी एसएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक मुखबिर की सूचना पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त (औषधि) लखनऊ मण्डल बृजेश कुमार व उनकी टीम से समन्वय स्थापित करते हुए गिरोह के मास्टरमाइंड और उसके दो साथियों को दुर्गापुरी कालोनी नीलमथा कैंट से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार आरोपियों ने अपना नाम यासिर जमील खान उर्फ फैजी निवासी निलमथा बाजार कैन्ट , हमजा व इनामुल हक उर्फ इनाम निवासी महबूबगंज सआदतगंज बताया है।
गिरफ्तार आरोपियों के पास से 2 लाख 22 हजार 580 टेबलेट्स ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड, 17080 टेबलेट्स लाईपिन-10 जोल्पीडेम, पैंकिग उपकरण,युनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के लोगों को भेजी गयी प्रतिबंधित दवाओं का डाटा लगभग 45 हजार,  6.57 लाख रुपये की नकदी, 10 मोबाइल,दो लैपटॉप, एक प्रिन्टर व 8 एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं। एसटीएफ ने बताया कि बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फारेंसिक परीक्षण कराया जायेगा। गिरोह के बैंक खातों में लगभग 20 लाख रुपये मौजूद हैं। बैंक खातों को फ्रीज कराने की विधिक कार्रवाई की जा रही है। गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी प्राप्त कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।

30 रुपया का पत्ता यूएसए में 700 रुपये में बेचता था गैंग

पूछताछ में गिरोह सरगना यासिर ने बताया कि हमजा व इनामुल-हक उर्फ इनाम से मेरी दोस्ती 2021 में हुई। यह लोग प्रतिबन्धित दवा ट्रामाडोल व लाइपिन-10 की यूएसए में डार्क वेब स्काइप
के माध्यम से तस्करी करते हैं। इन्होंने बताया कि एक पत्ता भारत में 30-40 रुपये में मिलता है जिसमें 10 गोली होती है जिसे युनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका में पहुंचने पर प्रत्येक पत्ते का 600 से 700 रुपये हम लोग देंगे। इसके बाद से ही आर्डर के अनुसार सिपमैक्स कोरियर कम्पनी के माध्यम से कोरियर कर दवाएं भेजने लगे। यासिर ने बताया कि  प्रतिबन्धित नशीली दवाएं लखनऊ के विभिन्न तस्करों से खरीदता था। हमजा व इनाम के अतिरिक्त डार्कवेब के माध्यम से मैं कई लोगों से जुड़ गया। जिसके बाद आर्डर के अनुसार सप्लाई उपलब्ध करायी जाने लगी।

चेकिंग से बचने के लिए हर्बल प्रोडेक्ट के रैपर का इस्तेमाल

मुख्य आरोपी यासिर ने बताया कि युनाइटेड स्टेट आफ अमेरिका में लगभग 150 बार से अधिक उक्त दवाओं की तस्करी की है। इन दवाओं के पत्तों पर हर्बल व आयुर्वेदिक दवाइयों के नाम लिखकर विदेशों में सप्लाई करते थे। हम लोग हर्बल प्रोडेक्ट के कूटरचित रैपर इसलिए लगाते हैं कि हर्बल दवाओं का कोई लाइसेंस नहीं होता है। जिससे ये दवायें चेकिंग के समय पकड़ी न जाए। मुख्य आरोपी यासिर ने बताया कि उक्त दोनों साथियों द्वारा मुझे पेमेन्ट कैश, बिटक्वाइन, पेमेन्ट गेटवे व अकाउन्ट के माध्यम से किया जाता है।
गिरफ्तार आरोपी हमजा व इनामुल-हक उर्फ इनाम ने बताया कि हम लोग अवैध प्रतिबन्धित नशीली दवाओं ट्रामाडोल व लाइपिन-10 की ब्रोकरी का काम करते हंै। हम लोग डार्क वेब स्काइप के माध्यम से कस्टमर खोजते हैं। इसके बाद उस पते व डिमाण्ड को यासिर को व्हाटसएप के माध्यम से भेज देते हैं। यासिर उस कस्टमर को सप्लाई करके हमे उस कोरियर का टैकिंग आईडी भेज देता है। जिसके बाद हम लोग बिटक्वाइन व हवाला के माध्यम से पेमेन्ट प्राप्त करने के बाद डेटा को डिलीट कर देते हैं।