संवाददाता- आदित्य प्रताप सिंह राव
बख़्शी का तालाब। लखनऊ, तहसील क्षेत्र में एक ओर जहां शासन प्रशासन के द्वारा पेड़ पौधे लगाए जाने की कवायद की जा रही थी। वहीं लखनऊ जिले में विभागवार पौधरोपण का लक्ष्य भी दे दिया गया था।
तो दूसरी ओर दबंग चोर लकड़ी माफिया चोरी-चोरी, चुपके-चुपके वन विभाग के द्वारा मिली भगत करके धड़ल्ले से बख्शी का तालाब क्षेत्र के बेलवा गांव के तिराहे पर आम की बाग के बगल में किसान रामू, श्यामू के खेत में लकड़ी माफियाओं चोरों डकैतों ने प्रतिबंधित दो नीम, नौ गूलर, तीन शीशम के पेड़ को धरासाही कर दिया आठ दिन पूर्व में, और फिर उसे ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। ,बतातें चलें कि गाहे – बगाहे गांवों इटौंजा थाना क्षेत्र में अवैध प्रतिबंध पेड़ों का कटान बहुत ही जबरदस्त युद्ध स्तर पर चोरी चोरी चुपके-चुपके रातों-रात धड़ले से अवैध कटान किया जाता है। ना तो वन विभाग झांकने जाता है।
न देखने जाता है। वन विभाग के अधिकारियों को जन सूचना बताने की कोशिश भी की जाती है फोन के माध्यम से तो वन विभाग के अधिकारी धृतराष्ट्र बने बैठे रहते हैं। अंधे बहरों की तरह फोन भी नहीं उठाने की सहमत जुटा पाते हैं। क्षेत्र के तमाम संभ्रांत नागरिकों सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है, कि वन विभाग को अगर अवैध कटान की सूचना दी जाए तो फोन नहीं उठाता है। बताते हैं कि सारा काम क्षेत्र में अंधाधुंध युद्ध स्तर पर अवैध कटान हो जाता है उसके बाद 5 दिन बाद चार दिन बाद वन विभाग के अधिकारी बौनें-घुटनों के बल के सहारे चुपके-चुपके दबंग लकड़कट्टों से मिलकर लीपा पोती करने में दिखाई देते हुए साबित हो रहे हैं।
बेलवा गांव तिराहे पर संभ्रांत नागरिकों सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है। कि पेड़ों का कोई परमिशन भी नहीं था। वन विभाग के द्वारा और स्थानीय थाना पुलिस वन विभाग की मीली भगत से दबंग लकड़ी माफियों ने चौदह प्रतिबंधित पेड़ों को काट कर धराशाई किया है।
वहीं क्षेत्र के लोगों ने बताया कि वन विभाग के पुराने मित्र ठेकेदारों से होने के कारण लुका चुप्पी का खेल खेला जा रहा है। जब कोई ग्रामीण वन विभाग को सूचना मौके पर देता है। तो वह साफ तौर से बोल देते हैं कि देखकर बताएंगे लेकिन देखने के बाद भी कार्रवाई जीरो के नाम पर महज खानापूर्ति कर दिया जाता है।
क्या बोले वन विभाग जिम्मेदार अधिकारी
स्थानीय वन विभाग के दरोगा मुबारक अली से जब उन्हीं के क्षेत्र बेलवा गांव की जानकारी पूछी गई मीडिया द्वारा तो उन्होंने रटा-रटाया जवाब दिया कि जांच कर बता पाएंगे। जबकि घटना आठ दिन पूर्व की है।
क्षेत्र के सम्मानित सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि चोरों से वन विभाग कहता है कि चोरी करते रहो, वन विभाग को चोरी छुपे जेभें भरते रहो रूपयों से। हम वन विभाग के अधिकारी जांच के दौरान लीपापोती करते रहेंगे।
इस खेल में विभागीय अधिकारियों जिम्मेदारों की मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है। हाल यही रहे तो वह दिन दूर नहीं जब फल पट्टी क्षेत्र में पेड़ व जंगल लखनऊ जिला से पूरी तरह से गायब हो जाएंगे। और पेड़ों की छांव, आक्सीजन के लिए तमाम जनता तरसेगी।
बख्शी का तालाब क्षेत्र में अवैध पेड़ों की कटान धड़ल्ले से की जा रही है। सब कुछ जानने के बाद भी जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे है। जिससे उनकी कार्यशैली पर सवाल उठ रहे है।