NDTV के बिकने में एक बड़ा ट्विस्ट आया है..अडानी ने NDTV को पिछले दरवाज़े से ख़रीदने की कोशिश की है..इसे कॉरपोरेट की भाषा मे “Hostile Takeover” या “ज़बरदस्ती अधिग्रहण” कहते है..
NDTV ने जो बयान जारी किया है उसे सहज भाषा मे बताता हूँ
NDTV ने “X लिमिटेड” से लिया था लोन …
शर्त ये थी कि लोन नहीं चुकाने की सूरत में NDTV का लोन NDTV के शेयर में बदल जाएगा..पर लोन को शेयर में बदलने के लिए NDTV की इजाज़त ज़रूरी है..(बिना इजाज़त सम्भव नहीं है)
बहुत सामान्य सा एग्रीमेंट है जो कॉरपोरेट लोन में आम बात है..बैंक भी कॉरपोरेट को लोन देते वक़्त ऐसी शर्त रखते हैं ताकि लोन डिफ़ॉल्ट हो तो कंपनी का मालिकाना मिल जाए..
अडानी ने “X लिमिटेड” को ख़रीद लिया और NDTV को नोटिस जारी कर लोन को शेयर में बदल कर 29.18% का मालिक बन गया..(NDTV को तो पता भी नहीं चला)
अडानी ने NDTV से कोई इजाज़त नही ली या लोन चुकाने का कोई मौक़ा नही दिया..ऐसा NDTV ने बोला है..
NDTV का मुआमला कॉरपोरेट में एक बेंचमार्क होगा..एक बार मरहूम “जूट किंग” अरुण बाजोरिया ने टाटा को टेकओवर करने की कोशिस की थी..सरकार ने रोक दिया था..
NDTV के कृष्णनअय्यर ने कहा
इस वक़्त पूरा सिस्टम अडानी के साथ है..NDTV को कुचलने की कवायत जारी है..अडानी के लिए सबकुछ सहज होगा पर बिना लड़ाई प्रणय रॉय साहब हार नही मानने वाले..हम सब NDTV के साथ है..