लखनऊ। जैश-ए-मोहम्मद के संदिग्ध आतंकी नदीम और उसके साथी हबीबुल के साथ सबाउद्दीन को एटीएस ने बुधवार सुबह 11 बजे से रिमांड कस्टडी पर लिया। एटीएस इनसे 10 पॉइंट्स पर पूछताछ कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, उन्हें अलग-अलग कमरों में रखा गया है।
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के मोहम्मद नदीम और फ तेहपुर के हबीबुल ने देश के 5 राज्यों में नेटवर्क फैला लिया था। पूछताछ में आतंकियों के नेटवर्क के बारे में अहम जानकारी एटीएस को मिली है।
सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में सामने आया कि इन लोगों का यूपी के साथ गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर तक नेटवर्क है। यहां के लोगों से लगातार टच में हैं, जिसमें से कुछ लोगों ने इन्हें पर फ ंडिंग की थी।
ये लोग ऑनलाइन नेटवर्क से इनके संपर्क में थे। दीनी तालीम के नाम पर क्षेत्रीय लोगों को भी इनकी हर तरह की मदद करने को कहा था। इसके बाद कई लोग इनकी मदद करने को आगे आए थे। 8 ऐसे लोग सामने आए हैं, जो लगातार फोन और ऑनलाइन नेटवर्क से इनके संपर्क में थे। इनकी धरपकड़ के लिए एटीएस अन्य सुरक्षा एजेंसियों की मदद ले रही है।
सहारनपुर से प्रयागराज तक 10 से ज्यादा लोग रडार पर
ATS सूत्रों के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी नदीम और उसके साथी हबीबुल से जुड़े प्रयागराज और आजमगढ़ के 10 से ज्यादा संदिग्ध रडार पर हैं। ये लोग पकड़े गए आतंकी से एक साल में कई बार संपर्क कर चुके हैं।
ATS की एक टीम नदीम और हबीबुल का आजमगढ से गिरफ्तार सबाउद्दीन के लिंक को भी पता कर रही है। तीसरे दिन की रिमांड पर गुरुवार को तीनों ने बेखौफ होकर ATS के सवालों के जवाब दिए। जल्द ही टीम इनको लेकर प्रदेश के कुछ जगहों पर छापेमारी कर सकती है।
साइबर एक्सपर्ट तोड़ेंगे ऑनलाइन नेटवर्क
एटीएस की साइबर एक्सपर्ट की टीम जैश-ए-मोहम्मद के उत्तर प्रदेश में फैले नेटवर्क को तोडऩे में जुटी है। एटीएस हबीबुल और नदीम के ऑनलाइन नेटवर्क का खुलासा कर उससे जुड़े लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, आतंकी नदीम के मोबाइल में सैफु ल्लाह बिहारी और सैफु ल्लाह पाकिस्तानी के नाम से दो नंबर सेव मिले।
जांच में सामने आया कि नदीम को फिदायीन हमले और आतंकी साहित्य उपलब्ध कराने वाला सैफु ल्लाह पाकिस्तानी था, जो जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर बताया जा रहा है। उसने ही नदीम को सैफु ल्लाह बिहारी का नंबर दिया था, जिसका असली नाम हबीबुल है। उसने जैश-ए-मोहम्मद से जुडऩे के बाद अपना नाम बदल लिया था। इसकी जानकारी न तो उसके परिजनों को थी और न ही दोस्तों को।
हबीबुल और नदीम से सैफु ल्लाह पाकिस्तानी और उससे जुड़े लोगों के विषय में कुछ अहम जानकारी मिली है। ये लोग यूपी और देश के कई हिस्सों में फैले हैं। ये लोग फि दायीन हमले और आतंक फैलाने की मुहिम चलाने की योजना बना रहे हैं। इनकी धर-पकड़ के लिए केंद्रीय और संबंधित राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क किया है।
ऑनलाइन क्लास के लिए खरीदा था मोबाइल
पूछताछ में सामने आया है कि हबीबुल ने कोरोना काल में ऑनलाइन क्लास जॉइन करने की बात कह कर पिता से टच स्क्रीन मोबाइल लिया था। इसी मोबाइल से उससे फि दायीन हमले की ट्रेनिंग ली। इन लोगों का उत्तर प्रदेश के साथ गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर तक नेटवर्क फैला हुआ है।
हबीबुल ने पिता से कोरोना काल में ऑनलाइन क्लास चलने की बात कही। पिता से कहकर ऑनलाइन क्लास के लिए एंड्रॉयड मोबाइल मांगा। उससे उसने ऑनलाइन जैश-ए-मोहम्मद की क्लास जॉइन कर फिदायीन हमला करना सीखा।
कोरोना काल के बाद पढ़ाई के लिए गुजरात जाने की बात पिता से कही, लेकिन नहीं गया। पिता ने प्रतापगढ़ के एक मदरसे में एडमिशन दिला दिया। हबीबुल वहां भी नहीं गया और फ तेहपुर में ही परिजनों को बिना बताए एक कमरा किराए पर ले लिया। जहां से एक मदरसे में दीन की पढ़ाई के नाम पर स्लीपिंग माड्यूल तैयार करने लगा।
नदीम, हबीबुल और सबाउद्दीन से कस्टडी रिमांड पर पूछताछ के लिए 3 टीम बनाई गई हैं। पैटर्न कुछ ऐसा है कि पहले अलग-अलग, फिर आमने-सामने लाकर पूछताछ होनी है। इसमें अन्य राज्यों की सुरक्षा एजेंसी के साथ केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी शामिल हैं।