Lucknow: पुलिस हिरासत में एक और युवक की मौत, पुलिस की कार्यशैली पर सवाल

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भाई बोला, वह पानी मांग रहा था किसी ने नहीं पिलाया, तड़पकर तोड़ा दम

लखनऊ। विकासनगर इलाके में पुलिस हिरासत में अमन गौतम की मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि पुलिस हिरासत में एक अन्य युवक की मौत की घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

शनिवार को चिनहट पुलिस की हिरासत में स्कूल ड्रेस व्यापारी मोहित पाण्डेय (32) की मौत हो गई। मारपीट के आरोप में बड़े भाई संग व्यापारी को कोतवाली के लॉकअप में बंद किया गया था। आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने मोहित को बुरी तरह से पीटा जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि शनिवार को उसकी तबीयत बिगडऩे पर उसे इलाज के लिए सीएचसी ले जाया गया। हालत नाजुक होने पर उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराने पर डॉक्टरों ने मौत की पुष्टि कर दी।

कर्मचारी से छह सौ रुपये को लेकर हुआ था विवाद

देवा रोड जैनाबाद निवासी मोहित पाण्डेय स्कूल टाई और बेल्ट का कारखाना चलाते हैं। माल सप्लाई करने के लिए मोहित ने मटियारी निवासी आदेश सिंह को काम पर रखा था। कुछ दिन पहले आदेश सिंह ने रुपयों को लेकर विवाद किया। फिर काम पर आना बंद कर दिया। शुक्रवार को आदेश ने फोन कर मोहित से बकाया 600 रुपये मांगे थे। रात करीब 9.30 बजे आदेश सिंह व्यापारी के घर पहुंचा। जहां दोनों के बीच कहासुनी हुई। विवाद बढऩे पर आदेश ने डॉयल 112 पर फोन मिलाया। जिसके बाद पुलिस मोहित को पकड़ कर चिनहट कोतवाली ले गई थी।

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पुलिस ने लॉकअप में पीट कर मार डाला

बड़े भाई शोभाराम पाण्डेय के मुताबिक रात में वह चिनहट कोतवाली गए थे। जहां पुलिस ने उन्हें भी लॉकअप में बंद कर दिया। पुलिस कर्मियों ने मोहित और शोभाराम के साथ बुरी तरह से मारपीट की। जिसकी वजह से मोहित की तबीयत बिगडऩे लगी। इलाज के लिए कहने पर भी पुलिस ने ध्यान नहीं दिया।

शनिवार सुबह मोहित की हालत नाजुक होने पर उसे पुलिस कर्मी चिनहट सीएचसी ले गए थे। व्यापारी की हालत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल भेजा था। जहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने मोहित को मृत घोषित कर दिया।

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सड़क जाम कर प्रदर्शन, पुलिस से झड़प

पुलिस हिरासत में व्यापारी की मौत से हड़कंप मच गया।मोहित के परिवार के साथ व्यापारी और रिश्तेदार भी राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे। नाराज लोगों ने अस्पताल के बाहर सड़क जाम कर दी। पुलिस के समझाने पर भी वह लोग सड़क से हटने को तैयार नहीं हुए। जिस पर पुलिस और परिवार के बीच झड़प भी हुई।


परिजनों के सड़क पर प्रदर्शन के दौरान पुलिस वालों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। जाम लगाने को लेकर भी नारेबाजी हुई। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए जबरन जाम खुलवाया और प्रदर्शनकारियों को अस्पताल के अंदर भेज दिया।

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लॉकअप में ही हो गई थी मौत

मोहित पांडे की मौत के बाद उसके साथ हिरासत में लिए गए भाई शोभाराम को पुलिस ने छोड़ दिया। शोभाराम का कहना है कि रात में पुलिस ने जब हिरासत में लिया, तभी से जमकर मारपीट शुरू कर दी।मेरे सामने भाई को पीटा जा रहा था।

मैं देख कर भी उसे नहीं बचा सका। वह तेज-तेज चीख रहा था। बोल रहा था, दरवाजा खोल दो नहीं तो मैं मर जाऊंगा। फिर भी पुलिस वाले कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। काफी टॉर्चर किया गया है। इसे प्यास लगी थी। वह पानी मांग रहा था। लेकिन, किसी ने उसे पानी नहीं पिलाया। भाई ने लॉकअप में ही दम तोड़ दिया था। इसके बाद पुलिस उसे हॉस्पिटल ले गई।

मारपीट के आरोपों की होगी जांच

एडीसीपी पूर्वी एसपी पंकज सिंह ने कहा कि मोहित को शांति भंग की आशंका में हिरासत में लिया गया था उसकी तबीयत बिगडऩे के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई उन्होंने परिवार द्वारा लगाए गए मारपीट के आरोपों की जांच कराने की बात भी कही।