लविप्रा फर्जीवाड़ा: निलम्बित बाबू समेत 9 पर दो मुकदमें दर्ज

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लखनऊ । लखनऊ विकास प्राधिकरण का फर्जीवाड़ा लगातार सामने आ रहा है। विभाग में तैनात निलम्बित कनिष्ठ लिपिक की साठगांठ से जालसाजों ने वास्तुखण्ड-3 स्थित एक भवन व एक भूखण्ड के जाली दस्तावेज बनाकर बेच दिये। फर्जीवाड़ा सामने आने पर विभाग ने पड़ताल करायी तो निलम्बित कनिष्ठ लिपिक की करतूत सामने आयी। पड़ताल में क्रेता-विक्रेता व गवाहों के नाम सामने आए।

जिसके बाद एलडीए के उपसचिव ने सोमवार को गोमतीनगर थाने में निलम्बित कनिष्ठ लिपिक समेत 9 के खिलाफ दो मुकदमें दर्ज कराए हैं। इंस्पेक्टर गोमतीनगर दिनेश चन्द्र मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। उनका कहना है कि फर्जीवाड़े मामले में अभी तक करीब आधा दर्जन मुकदमें दर्ज हो चुके हैं।

 जालसाजों ने बनाए जाली दस्तावेज, बाबू ने फर्जी तरीके से किया कम्प्यूटराइज

मूल रूप से आजमगढ़ निवासी माधवेश कुमार गोमतीनगर विस्तार के ग्रीनवुड अपार्टमेंट स्थित आई-ब्लॉक में रहते हैं। वे लखनऊ विकास प्राधिकरण में उप सचिव हैं। उन्होंने बताया कि बाराबंकी के दरियाबाद निवासी रईसा खातून ने वास्तुखण्ड-3 स्थित एलडीए के भवन को अपना बताकर सत्यदेव निवासी रामसनेही घाट बाराबंकी को बेच दिया था। उक्त दस्तावेज में फर्जी उल्लेख किया गया था।

जिसमें उक्त प्लॉट लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा नवम्बर 2020 को निबंधित किया गया है, जो फर्जी है। उक्त विक्रय विलेख में गवाह उमाशंकर निवासी बाराबंकी व हाईकोर्ट वकील मनोज कुमार थे। लखनऊ विकास प्राधिकरण के निलम्बित कनिष्ठ लिपिक अजय प्रताप शर्मा ने उक्त सम्पत्ति फर्जी तरीके से कम्प्यूटराइज किया गया था।

आरोप है कि आरोपितों ने एलडीए के प्लॉट को अपना बता फर्जीवाड़ा किया था। वहीं, उप सचिव ने बताया कि विमला तिवारी ने मई 2019 को वास्तुखण्ड-3 स्थित प्लॉट निधि पाण्डेय को बेच दिया था। उक्त रजिस्ट्री में गवाह अमित कुमार व आशीष सक्सेना थे। लखनऊ विकास प्राधिकरण के निलम्बित कनिष्ठ लिपिक अजय प्रताप वर्मा ने उक्त सम्पत्ति को फर्जी तरीके से कम्प्यूटराइज किया था।

 फर्जीवाड़ा सामने आने पर विभाग ने की पड़ताल तो करतूत आयी सामने

उपसचिव माधवेश कुमार ने दोनों मामलों की शिकायत गोमतीनगर पुलिस से की। पुलिस ने तहरीर के आधार पर निलम्बित कनिष्ठ लिपिक अजय प्रताप, रईसा खातून निवासी दरियाबाद बाराबंकी, सत्यदेव निवासी रामस्नेहीघाट बाराबंकी, उनका बेटा उमाशंकर, अधिवक्ता मनोज कुमार, विमला तिवारी निवासी वास्तुखण्ड, निधि पाशण्डेय निवासी वास्तुखण्ड-3, अमित कुमार निवासी वास्तुखण्ड व आशीष सक्सेना निवासी विनयखण्ड-3 के खिलाफ जाली दस्तावेज के आधार पर धोखाधड़ी व आपराधिक साजिश की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।