पिहानी विकासखंड के गांवों में नहीं जल रहे सरकारी अलाव

Share

हरदोई ग्रामीण इलाकों में नहीं चले सरकारी अलाव, कूड़ा करकट जलाकर सर्दी दूर करते ग्रामीण ब्लाक प्रमुख कुशी बाजपेई व विकास खंड अधिकारी के सख्त निर्देशों के बावजूद भी ग्राम पंचायत अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान, एकाध जगह छोड़कर कहीं नहीं जल रहे अलावक ड़ाके की ठंड से आम जनजीवन पर असर पड़ा है।

हालांकि प्रशासन ने अलाव जलाने का फरमान तो जारी कर दिया है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अलाव की व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है।

कड़ाके की ठंड और गलन पड़ रही है। इस कड़ाके की ठंड में गांवों मे अलाव नहीं जल रहे है। आलम यह है कि प्रशासनिक अफसरों के निर्देश के बाद भी अलाव कहीं भी ग्रामीण अंचलों में देखने को नहीं मिल रहा है।

ऐसे में खुद ही लोग कूड़े-कचरे को जलाकर अपने को ठंड से महफूज करने को जुटे हैं। नगर पालिका क्षेत्रों में तो अलाव की व्यवस्था नगर पालिका प्रशासन ने कर रखा है। लेकिन ग्रामीण इलाके इन से अछूते हैं।

गरीबों के लिए भारी पड़ती है सर्दी की रातें, ठंड से बचाव के लिए देख रहे किसी मसीहा की राहस र्दी की रातें गरीबों के लिए बहुत भारी पड़ती हैं।

उन्हें तलाश रहती है किसी ऐसे मसीहा की जो आकर उनको ठंड से बचा सके। ठिठुरते हुई रात न गुजारनी पड़े। बहुत से गरीब इन सर्दी की रातों में खुले आसमान के नीचे कांपते रहते हैं। हालांकि ऐसे कई लोग हैं ।

जो गरीबों की पीड़ा को समझते हुए नेक कार्य के लिए आगे आते हैं और गर्म कपड़े, कंबल आदि का वितरण कर लोगों को मानव सेवा के लिए प्रेरित करते हैं। गरीबों के लिए सर्दी का मौसम काफी कष्टप्रद रहता है।

गर्मी में तो काम चल जाता है, कहीं भी पड़े रहो इतनी दिक्कत नहीं होती लेकिन सर्दी में उनके लिए भारी मुसीबत होती है। जब कड़ाके की ठंड में बिना कपड़ों के उनको रातें गुजारनी पड़ती हैं।

ठिठुरते हुए वह रात किसी तरह से रात व्यतीत करते हैं। हालांकि दिन में भी उनको परेशानी होती है, लेकिन धूप निकलने पर कुछ राहत मिल जाती है। इस स्थिति में गरीब लोग किसी ऐसे मसीहा की राह देखते हैं जो उनको गर्म कपड़े और कंबल आदि का वितरण करे।

समाज में कई लोग ऐसे हैं जो गरीबों की पीड़ा को समझते हैं और उनकी मदद के लिए आगे भी आते हैं। ठंड से परेशान लोग अपने शरीर में गर्माहट लाने के लिए कई तरह के उपाय कर रहे हैं ।

विशेष तौर पर गरीब परिवार के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। हालांकि प्रशासन की ओर से कहीं भी गरीबों के बीच कंबल वितरण नही किया जा रहा है । गरीब, किसान व मजदूर वर्ग के लोग विशेष रूप से ठंड से परेशान हो जाता हैं।

कपड़े व अन्य आवश्यक संसाधनों के अभाव में उन्हें जाड़े का यह मौसम गुजारना काफी कठिन साबित होता है । ठंड के मौसम में गरीबों को मात्र अलाव का सहारा ही होता है । जिसके सहारे वे किसी प्रकार रात गुजार लेते हैं ।