जज के खिलाफ fir दर्ज करने की तहरीर ,जाने क्या है पूरा मामला

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जज से लूटपाट मामले में दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे

-जमीनी विवाद का है मामला: डीसीपी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पारा थाना क्षेत्र में मुरादाबाद के जेसीएम कोर्ट के जज और उनकी पत्नी पर हमला व लूटपाट के मामले में एक नया मोड आया है। मामले में दूसरे पक्ष ने भी मारपीट ,फायरिंग और लूटपाट समेत कई गंभीर आरोप लगाते हुए तहरीर दी है।

फिलहाल दूसरे पक्ष की ओर से दी गई तहरीर मिलने के छह दिन बाद भी पुलिस जांच के बाद आगे की कार्रवाई करने की बात कह रही है। पुलिस का कहना है कि जमीनी विवाद में दोनों पक्षों में मारपीट हुई है।

जनपद गाजीपुर निवासी शोभनाथ सिंह मुरादाबाद में जेसीएम कोर्ट में जज हैं। शोभनाथ ने साल 2012 में सरोसा-भरोसा के मोतीझील कॉलोनी में एक प्लॉट खरीदा था। प्लॉट पर निर्माण वो ठेकेदार के जरिए करवा रहे थे।

आरोप है कि बीते दो नवंबर को कुछ दबंगों ने उनकी जमीन कब्जा करने कोशिश की और बाउंड्रीवॉल तोड़ दी। उसके अंदर रखा हुआ सामान लूट लिया। जानकारी होने पर शोभनाथ और पत्नी के साथ पहुंचे।

विरोध करने पर गदियाना के रहने वाले अब्बास, इरफान और इरफान की पत्नी के साथ करीब 25 लोगों ने मारपीट कर पत्नी के सोने की चेन, 1.50 लाख, लाइसेंसी राइफल और रिवाल्वर लूट ली। मामले में जज ने 3 नवंबर को की पारा कोतवाली में तहरीर दी।

मामले में पांच दिन बाद पारा पुलिस मुकदमा किया। एसीपी दक्षिणी मनीषा सिंह का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच जमीनी विवाद में मारपीट हुई है। मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

कार्रवाई के लिए पत्राचार

डीसीपी दक्षिणी राहुल राज ने बताया कि पारा इलाके में हुए मारपीट मामले में पीडि़त शोभनाथ की ओर से चोरी, बलवा, लूट समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ। जांच में सामने आया कि जमीन का विवाद है।

नीलम वर्मा के प्लॉट की बाउंड्रीवॉल को अपना बताते हुए शोभनाथ ने तोड़ दिया था। पुलिस ने दोनों पक्षों को पाबंद किया है। इसकी रिपोर्ट न्यायालय को भेजी गई थी। इस मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन मलिहाबाद ने दोनों पक्षों को निषेध किया गया।

इसके बावजूद शोभनाथ ने असलहों के साथ वहां पहुंचे। वो बाउंड्रीवॉल बनवा रहे थे। जिसका विरोध वहां पहले से रहने वाले लोगों ने किया। क्योंकि उनका रास्ता अवरोध हो रहा है। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई।

शोभनाथ की ओर से दी गई ततहरीर पर केस दर्ज कर साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। वहीं दूसरे पक्ष की तरफ से नूरजहां ने भी तहरीर दी है। शोभनाथ के खिलाफ कार्रवाई के लिए सक्षम अधिकारी से पत्राचार किया जा रहा है।

दूसरे पक्ष ने जज के खिलाफ दी तहरीर

पारा सरोसा-भरोसा निवासी नूरजहां पत्नी अब्बास ने पारा कोतवाली में घटना के बाद 3 नवंबर को तहरीर दी है। पीडि़ता के अनुसार उनका प्लाट नम्बर 191 व 192 है। जिसका रास्ता सर्विस लाइन पर एक प्लाट को छोड़कर है। वहीं मेरे बगल में 6-7 प्लाट और है।

सभी का रास्ता शोभनाथ सिंह के प्लाट 206 से 210 से होकर सर्विस लाइन पर निकलता है। आरोप है कि शोभनाथ प्लाट पर निर्माण कराकर रास्ता कब्जा कर रहे थे। सभी के विरोध करने पर शोभनाथ,पत्नी और उनका लड़का अतुल व उनके साथी रामदीन यादव,विनय गुप्ता,राजू व करीब 40 अन्य लोग हथियार से लेश होकर हम लोगों के साथ मारपीट और छेड़छाड़ करने लगे।

मेरे पति के विरोध करने पर रायफल से फायर कर दिया जिससे भगदड़ मच गई। आरोप है कि इस दौरान शोभनाथ पक्ष के लोगों ने छेड़छाड़ के साथ मारपीट और चेन छीन लिया। इस दौरान शोभनाथ अपने बेटे अतुल से कह रहा था कि और फायर करो और दौड़ाकर मारो। मैं देख लूंगा।

पुलिस की लापरवाही उजागर

पुलिस कमिश्नरेट के दक्षिणी जोन में आने वाला पारा कोतवाली अक्सर सुर्खियों में बना रहता है। अभी कुछ दिन पहले ही चार दबंगों ने एक सिपाही को सरेराह पिटाई करते हुए मोबाइल तोड़ दिया था। इसके अलावा लूट,चोरी और मारपीट समेत अन्य अपराधिक घटनाएं तो आम बात है।

वहीं अब जज के साथ मारपीट और फायरिंग की घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं। वहीं दो नवंबर की घटना के बाद पांच दिन बाद जज की तहरीर पर केस दर्ज होना भी एक बड़ा सवाल है। फिलहाल गनीमत रही कि फायरिंग होने के बाद कोई बड़ी घटना नहीं हुई।

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