सरकारी आवास पर एसडीएम नें चलवाया बुलडोजर 

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अमेठी। जनपद अमेठी में सीएम आवास पर प्रशाशन द्वारा सप्ताह भर पूर्व बुलडोजर चलाकर सरकारी भूमि खाली कराए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ जहां पीड़ित ने जिला अधिकारी से मिलकर तहसील प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा रहा है। वही एसडीएम अमेठी ने इस कार्यवाही को विधिसंगत बताते हुए आवास की जांच कराए जाने की बात कह रही है।फिलहाल पीड़ित न्याय के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर काट रहा है।

    मां बेटे नें जिलाधिकारी से लगाई न्याय की गुहार

अ मेठी जिले के भादर विकास खंड क्षेत्र अन्तर्गत खाझा ग्राम सभा निवासी रंजीत पाल का सीएम आवास योजना के तहत निर्मित आवास को बुलडोजर चलवाकर प्रशाशन ने धराशाई करवा दिया था।जिसकी शिकायत लेकर सोमवार को पीड़ित जिला अधिकारी के पास पहुंच गया। डीएम से पिडित मां बेटे ने रो रो कर अपनी करुण गाथा सुनाया था।कलेक्ट्रेट परिसर में पीड़ित का रोते बिलखते हुए वीडीओ भी वायरल हुआ। जिस पर डीएम ने पीड़ितों को न्याय का आश्वासन दिया था।शाम होते ही एसडीएम अमेठी प्रीति तिवारी राजस्व और पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गई।जांच में आवास सरकारी जमीन पर बनने की पुष्टि हुई।

प्रशासनिक अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप 

वहीं पीड़ित ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत उसको सरकार से धनराशि मिली थी। जिससे उसने आवास का निर्माण करवाया। जब कॉलोनी बन रही थी। तभी गांव के ही कुछ लोगों के द्वारा आपत्ति की गई थी। मौके पर पहुंच कर लेखपाल वर्तमान प्रधान एवं पूर्व प्रधान ने जांच करते हुए जमीन चिन्हित किया था। जिस पर उसने मकान बनवाया था। उसने बताया कि यह मकान अप्रैल 2023 में बनकर तैयार हो गया था। इसके बाद पीड़ित रोजी रोटी के लिए अन्य जगह चला गया। अभी वह नौकरी पर ही था तभी एक फरवरी को अचानक पुलिस एवं राजस्व की टीम ने मौके पर पहुंचकर उसके सरकारी आवास पर जेसीबी चलाते हुए धराशाई कर दिया। घर गिरने की खबर मिलते ही पीड़ित रंजीत पाल अपने घर वापस आया। एसडीएम अमेठी से मिल कर आप बीती सुनाया वहां न्याय ना मिलते देख सोमवार को डीएम अमेठी से मिलकर अपना दुखड़ा रोया।

 एसडीएम नें बताया अवैध अतिक्रमण को हटवाया गया

वहीं पूरे मामले में एसडीएम अमेठी प्रीति तिवारी ने बताया कि पीड़ित झूठ बोल रहा है। गांव में 50 मीटर के अंदर उसके 2 मकान और हैं। उसके द्वारा अवैध अतिक्रमण कर सरकारी जमीन पर यह तीसरा निर्माण कार्य किया गया था। जिसको नोटिस देने के बाद हटाया गया।