Lucknow: एक पद पर दो मदरसा शिक्षकों की नियुक्ति कराने वाला गिरफ्तार, खंगाली जा रही कुंडली

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 मदरसा शिक्षा परिषद की रजिस्ट्रार ने नौ माह पूर्व करायी थी एफआईआर

लखनऊ। मदरसा शिक्षक की मौत के बाद खाली हुए रिक्त पद पर दो शिक्षकों की कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से नियुक्ति के मामले में हजरतगंज पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार किया है। पुलिस गिरफ्त में आए आरोपी शिक्षक ने जाली दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की थी। इस मामले में पिछले साल अगस्त माह में मदरसा शिक्षा परिषद की रजिस्ट्रार डॉ. प्रियंका अवस्थी ने हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में प्रबंधक, शिक्षक, क्लर्क नामजद आरोपी है। वहीं पुलिस की जांच में कुछ और नाम सामने आए हैं। जिनकी कुंडली खंगाली जा रही है।

मदरसा शिक्षा परिषद कर्मी समेत अन्य आरोपियों की खंगाली जा रही कुंडली

हजरतगंज इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के मुताबिक पकड़ा गया आरोपी फैयाज अहमद बहराइच के कटरा बाजार थानाक्षेत्र स्थित मिसरौलया का रहने वाला है। आरोपी ने जाली शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र के आधार पर मदरसा अहले सुन्नत नुरुल उलूम जनपद बलरामपुर में शिक्षक की नौकरी हासिल की थी। आरोप है कि मदरसे में रिक्त पद पर दो व्यक्तियों को एक ही पत्रांक पर कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से नौकरी हासिल और फर्जी प्रपत्र तैयार कराकर शहादत अली की नियुक्ति पत्रावलियां व वेतन बिल तैयार किया गया।

दस्तावेजों को मदरसा के प्रबंधक सुबराती, प्रधानाचार्य और लिपिक अब्दुल कदीर की सांठगांठ से तैयार कराया था। उसका वेतन भी मदरसा बोर्ड से पास करा लिया गया। तफ्तीश में सामने आया है कि फैयाज ने अपने अलावा कई लोगों को फर्जी तरीके से नौकरी दिलाई। फय्याज ने प्रबंधक, प्रधानाचार्य और लिपिक की मदद से शहादत अली की नियुक्ति पत्रावली व वेतन बिल तैयार किया। मदरसा बोर्ड के बाबू श्रवण के पास शहादत अली और अहमद रजा की नियुक्ति से संबंधित पत्रावलियां पाई गई। इसे बोर्ड से अनुमोदित कराने के लिए फैयाज ने श्रवण की मिली भगत से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब करा दिए। इंस्पेक्टर ने बताया कि फैयाज पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी धन के गबन और ठगी का आरोप है। मामले में शामिल अन्य आरोपियों की कुंडली खंगाल गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रही है।

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समाजसेवी ने उजागर किया था नियुक्ति का मामला

गोरखपुर निवासी समाजसेवी एजाज अहमद ने मदरसा अहले सुन्नत नुरूल उलूम अतीकिया महाराजगंज जनपद बलरामपुर में एक शिक्षक पद पर अमजद रजा व शहादत अली की फर्जी नियुक्ति के मामले में 04 जुलाई 2023 को पत्र के माध्यम से तत्कालीन प्रभारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बलरामपुर बालेंदु द्विवेदी को अवगत कराया था। विभागीय जांच में कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से नियुक्ति का मामला सामने आया। मामले में रजिस्ट्रार उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद डॉ.प्रियंका अवस्थी ने (12/08/2023 ) हजरतगंज कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था।

शिक्षक की मौत के बाद खाली हुआ था पद

शिक्षक अनीस अहमद की 20 अगस्त 2020 में मौत हो गई थी। जिसके बाद कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से तत्कालीन रजिस्ट्रार एसएन. पाण्डेय के द्वारा जारी एक ही पत्रांक व दिनांक (पत्रांक 347 व दिनांक 06.05.2022 ) पर अनुमोदन के आधार पर शहादत अली व अमजद रजा की नियुक्ति कर दी गई। जांच में सामने आया कि शहादत अली के अनुमोदन पत्र पर किया गया हस्ताक्षर कूटरचित है। आरोप है कि मदरसा अहले सुन्नत नुरूल उलूम अतीकिया महाराजगंज तराई जनपद बलरामपुर शिक्षक फैयाज अहमद मिस्बाही ने मदरसे के प्रबंधक सुबराती, प्रधानाचार्य व लिपिक अब्दुल कदीर व श्रवण नाम के व्यक्ति से सांठ-गांठ करके कूटरचित प्रपत्र तैयार कर शहादत अली की नियुक्ति पत्रावालियां व वेतन बिल तैयार किये गये हैं।

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नियुक्ति के नाम पर करोड़ों का बंदरबांट

पुलिस के मुताबिक फर्जी नियुक्तियों के नाम पर ठगी करने का गिरोह काफी दिनों से सक्रिय है। इस गिरोह का नेटवर्क लखनऊ से लेकर बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, अयोध्या, वाराणसी और आजमगढ़ तक फैला है। इसी गिरोह में आरोपी फय्याज अहमद मिस्बाही मदरसों में फर्जी नियुक्ति कराने का एक महत्वपूर्ण जरिया है। इसके माध्यम से कई शिक्षकों ने मदरसे में नियुक्ति पाई है। इसके बदले करोड़ों रुपये वसूले गए। इसका बंदरबांट प्रबंधक, प्रधानाचार्य से लेकर बिचौलिये और बोर्ड के बाबू व अधिकारियों के बीच हुआ। पुलिस के मुताबिक मदरसा फर्जीवाड़ा करने वाला गिरोह काफी बड़ा है। इसमें कई बड़े अधिकारी और नेता भी शामिल है। गिरोह से जुड़े लोगों की कुंडली पुलिस खंगाल रही है।